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Manju Devi: बिहार की मंजू देवी..20 हजार शवों का चुकी है पोस्टमॉर्टम, एक घटना ने बदल दी जिंदगी

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Manju Devi: बिहार के लोगों का जज्बा काफी ज्यादा रहता है. मेहनत में भी वो पीछे नहीं हटते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण बिहार की मंजू देवी का है. बिहार की मंजू देवी अपने आप में एक मिसाल है. 48 साल की मंजू देवी की कहानी सुनकर आपको भी उनको सलाम करने का मन करेगा.

आपको बता दें कि मंजू देवी लाशों के साथ चीड़फाड़ करती है. मंजू देवी (48) की शादी कम उम्र में ही हो गई थी. वो अभी पोस्टमॉर्टम सहायक की नौकरी करती है. मंजू देवी ये काम पिछले 23 साल से करती आ रही है. अब तक वो 20 हजार से ज्यादा शव का पोस्टमॉर्टम कर चुकी है.

मंजू देवी बिहार के समस्तीपुर में रहती है. उनके 5 बच्चे हैं. पति के मरने के बाद उन पर जिम्मेदारी का बोझ आ गया और आखिरकार उन्हें इस नौकरी को करना पड़ा. लेकिन, इस नौकरी से वो परेशान नहीं होती है. वो अभी लोगों की प्रेरणा का स्त्रोत बन गई है.

मंजू ने 26 साल की अपनी मेहनत के बाद पांच छोटे बच्चों को पढ़ाकर बड़ा कर दिया. वो या तो सफल पेशेवर बन गए हैं या उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. मंजू देवी के दोनों बेटे संगीत में प्रतिभाशाली थे, उन्होंने संगीत में स्नातकोत्तर की डिग्री ली और अब संगीत के छात्रों के लिए एक शिक्षण केंद्र चलाते हैं.

वह कहती हैं कि वह खुद संगीत में प्रतिभाशाली थीं, लेकिन जिंदगी ने उन्हें मौका नहीं दिया. उनकी दोनों बेटियां स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में हैं और सिविल सेवाओं के लिए अध्ययन कर रही हैं. बेटियां और बेटे कहते हैं कि ‘उन्होंने बहुत दर्द सहा है,हमें उन पर गर्व है’.

एक पोस्टमॉर्टम आज भी याद..

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मंजू एक पोस्टमॉर्टम को आज तक नहीं भूली हैं। वो उस दिन को याद करती है जब एक स्थानीय डॉन का शव पोस्टमॉर्टम के लिए आया था। गुस्साए गुंडे बाहर ही थे और शव उन्हें सौंपने की मांग कर रहे थे. वह कहती हैं, इस कठिन काम में उनका सबसे खराब दिन वह था, जब उन्हें एक युवा रिश्तेदार के शव पर काम करना पड़ा, जो जलने से मर गया था.

मंजू देवी के अपने शब्द ही उनके काम का सबसे अच्छा वर्णन करते हैं. 23 साल पहले, समस्तीपुर के सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कक्ष में अपने पहले दिन को याद करते हुए, वह कहती हैं ‘मेरे पहले दिन, एक 22 वर्षीय दुर्घटना पीड़ित का पोस्टमॉर्टम करना था। मुझे ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने बताया कि उसके सिर को खोलना और शरीर को काटना था, ताकि अंदरुनी जांच की जा सके’.

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Bihar Manju Devi in trending postmortem more then 20 thousands bodies

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