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Bihar NDA विधायक दल की बैठक में घटक दलों के मंत्री और विधायक आमने-सामने, विभागों के कामकाज पर जताई नाराजगी
एनडीए (NDA) की मीटिंग में बवाल मच गया, सीधा मतलब—मंत्री और विधायक आमने-सामने। पहले तो कुछ विधायकों ने सरकार के डिपार्टमेंट्स की लेटलतीफी पर अपनी भड़ास निकाल दी। फिर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा भी मैदान में कूद पड़े, और विधायकों के सपोर्ट में बोलने लगे।
सिन्हा ने साफ-साफ कहा, भाई, गठबंधन में सबको अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। ये किसी एक पार्टी का झंझट नहीं है। असल में, विधायक ग्रामीण कामकाज विभाग की योजनाओं में हो रही देरी से बुरी तरह चिढ़े हुए थे।
Bihar NDA विधायक दल की बैठक में घटक दलों में कुछ तो है गड़बड़
अब सुनिए, बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र कुमार ज्ञानू, प्रणव कुमार और उनके कुछ साथी बोले—गांव की सड़कों के लिए जो ग्लोबल टेंडर निकाला गया है, उसमें ऐसी शर्तें ठूंस दी गई हैं कि अपने लोकल ठेकेदार बेचारे बाहर ही रह गए। काम आगे बढ़ ही नहीं रहा। ऊपर से, हमें अपने इलाके में फेस दिखाने में भी दिक्कत हो रही है—लोग सवाल पहले ही तैयार रखते हैं।
मुंगेर के विधायक प्रणव कुमार की तो अलग ही कहानी थी—उनका कहना है कि सरकारी योजनाओं के शिलान्यास या उद्घाटन में उन्हें बुलाया ही नहीं जाता, उनका नाम शिलापट्ट पर तक नहीं लिखते।
इस सबके बीच ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी बोले—ये सब मुद्दे डिस्कस करने का ये मंच नहीं है। अब डिप्टी सीएम सिन्हा फिर उठे और बोले, हाँ, कई जिलों से यही सुनने को मिल रहा है कि एनडीए के सारे विधायकों को सरकारी प्रोग्राम में बुलाया ही नहीं जाता।
सिन्हा ने दो टूक कहा—विधायकों की इज्जत होनी चाहिए। लखीसराय के राजद विधायक प्रह्लाद यादव का तो उन्होंने स्पेशल जिक्र किया। बोले—सरकार चलाने के लिए मैं खुद प्रह्लाद यादव से सपोर्ट मांगने गया था, उन्होंने सपोर्ट दिया भी। अब सुनने में आ रहा है कि उनके इलाके सूर्यगढ़ा में किसी और को टिकट देने की बात चल रही है… मतलब, राजनीति में कौन कब आउट हो जाए, कहना मुश्किल!
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