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NCERT: एनसीईआरटी ने सातवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बड़ा बदलाव करते हुए अब मुगल और दिल्ली सल्तनत से जुड़ा इतिहास हटा दिया है। इस बदलाव के तहत अब छात्रों को इन राजवंशों का अध्ययन नहीं कराया जाएगा।
प्राचीन भारतीय राजवंशों पर होगा फोकस
नई पाठ्यपुस्तक में अब मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों पर अध्याय शामिल किए गए हैं। इनका फोकस भारतीय लोकाचार और सांस्कृतिक विरासत पर है।
महाकुंभ और सरकारी योजनाएं भी पाठ्यक्रम में
किताब में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले का विशेष उल्लेख किया गया है, जहां 66 करोड़ लोगों की भागीदारी दर्ज की गई थी। साथ ही ‘मेक इन इंडिया’, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘अटल सुरंग’ जैसी सरकारी पहलों पर भी अध्याय जोड़े गए हैं।
‘पवित्र भूगोल’ में धार्मिक स्थलों की जानकारी
‘पवित्र भूगोल’ नामक अध्याय में 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्ति पीठों जैसे धार्मिक स्थलों का विवरण दिया गया है। इसमें विभिन्न धर्मों के लिए पवित्र स्थानों की जानकारी भी दी गई है। इस अध्याय में पंडित जवाहरलाल नेहरू का एक उद्धरण भी शामिल है, जिसमें उन्होंने भारत को तीर्थों की भूमि बताया है।
संविधान और सामाजिक असमानता पर भी ध्यान
पुस्तक में भारतीय संविधान पर एक अध्याय भी शामिल है, जिसमें बताया गया है कि कभी लोगों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं थी। इसके अलावा वर्ण-जाति व्यवस्था से उत्पन्न सामाजिक असमानताओं का भी विश्लेषण किया गया है, विशेष रूप से ब्रिटिश काल के प्रभावों को लेकर।
दूसरा भाग आने की संभावना, पर मुगल इतिहास की वापसी पर संशय
यह किताब फिलहाल पहला भाग है। एनसीईआरटी अधिकारियों के अनुसार, दूसरा भाग आगामी महीनों में आ सकता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हटाए गए मुग़ल और दिल्ली सल्तनत के अध्याय उसमें वापस जोड़े जाएंगे या नहीं। पहले भी 2022-23 में कोविड के चलते इन विषयों को सीमित कर दिया गया था, और अब उन्हें पूरी तरह हटा दिया गया है।