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Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई। एक्सीडेंट में 1100 यात्री घायल हुए। हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास 2 जून को हुआ। रेलवे के मुताबिक 650 लोगों को अस्पताल में एडमिट किया गया है। हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पहुंचे। वहीं PM मोदी ने हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया है।
Odisha Train Accident:ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है, जबकि घायलों की संख्या 1100 से अधिक है। अस्पतालों में लावारिस शवों की संख्या को देखते हुए स्कूल और कोल्ड स्टोरेज को मुर्दाघर में तब्दील कर दिया गया है।
उधर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
Odisha Train Accident: दक्षिण पूर्व रेलवे ने बताया कि ओडिशा के बालासोर रेल हादसे में अबतक 275 लोगों की मृत्यु हो गई। घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
Odisha Train Accident: रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलट गए। दूसरी तरफ से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस इनसे टकरा गई। इसके बाद दोनों ट्रेन की कुछ बोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से जा भिड़ी। कोरोमंडल एक्सप्रेस का इंजन और कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।
Odisha Train Accident: ट्रेन नंबर 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1 जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चली थी। इसे 2 जून को शाम करीब 8 बजे हावड़ा पहुंचना था। यह अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। अगला स्टेशन बालासोर था, जहां ट्रेन 4 घंटे की देरी से 7:52 पर पहुंचने वाली थी।
Odisha Train Accident: वहीं, ट्रेन नंबर 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस 2 जून को ही दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। ये 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह अपने सही समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। अगला स्टेशन भद्रक था जहां ट्रेन को 7:40 बजे पहुंचना था। लेकिन, 7 बजे करीब दोनों ट्रेन बहानगा बाजार स्टेशन के पास से आमने-सामने से गुजरीं, तभी हादसा हुआ।
3 फरवरी 2009 को ओडिशा के जाजपुर जिले में ट्रैक बदलते समय कोरोमंडल एक्सप्रेस की 13 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। हादसे में 16 लोगों की मौत हुई थी।
इसके अलावा 15 मार्च, 2002 को दोपहर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में इसके 7डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 100 यात्री घायल हुए थे। 14 जनवरी 2012 को ओडिशा में लिंगराज स्टेशन के पास इस ट्रेन के जनरल डिब्बे में आग लगी थी।
भारत के बड़े रेल हादसे
6 जून 1981 – बिहार में पुल पार करते समय एक पैसेंजर ट्रेन बागमती नदी में गिर गई। इस हादसे में 750 लोगों की मौत हो गई। यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बड़ा रेल हादसा है।
20 अगस्त 1995 – यूपी में फिरोजाबाद के बाद पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ट्रैक पर खड़ी कालिंदी एक्सप्रेस से टकरा गई थी। इस हादसे में 350 लोगों ने जान गंवाई थी।
2 अगस्त 1999- ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई। इस दुर्घटना में 285 से अधिक लोग मारे गए।
2 जून 2023- ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा एक्सप्रेस और और मालगाड़ी की भिड़ंत में 275 लोगों की मौत हुई थी। इस भीषण हादसे में 1175 लोग घायल हुए।
26 नवंबर 1998- जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस पंजाब में गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बे से टकरा गई थी। इस हादसे में 212 लोगोंं की मौत हुई थी।
7 जुलाई, 2011: उत्तर प्रदेश में एटा जिले के पास छपरा-मथुरा एक्सप्रेस एक बस से जा टकराई थी। इस हादसे में करीब 70 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी। यह हादसा मानव रहित क्रासिंग पर देर रात करीब 1:55 बजे हुआ था।
30 जुलाई, 2012: दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में नेल्लोर के पास आग लगने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
26 मई 2014: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में गोरखपुर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी।
4 अगस्त, 2015: मध्यप्रदेश के हरदा के निकट कामायनी और जनता एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी। इसमें करीब 37 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी। हादसा पटरी पर बारिश का पानी भरने से हुआ था।
20 मार्च, 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश में रायबरेली में बछरावां रेलवे स्टेशन के पास हादसे का शिकार हो गई थी। ट्रेन का इंजन और दो डिब्बे पटरी से उतर जाने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
20 नवंबर, 2016: इंदौर-पटना एक्सप्रेस 19321 कानपुर के पुखरायां के पास बपटरी होने से कम से कम 150 यात्रियों की मौत हो गई थी।
19 अगस्त, 2017: हरिद्वार और पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में खतौली के पास हादसे का शिकार बनी थी। ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिसमें 21 यात्रियों की मौत हो गई थी।
23 अगस्त, 2017: दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस के 9 डिब्बे उत्तर प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए थे। हादसे में 70 लोग घायल हुए थे।
13 जनवरी, 2022: पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी।
2 अप्रैल, 2023: यह एक अलग तरह का ट्रेन हादसा था। इसमें संभवत: सीट को लेकर हुए विवाद में केरल के कोरापुझा रेलवे पुल के पास अलप्पुझा-कन्नूर एग्जिक्यूविटव एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगा दी गई थी। आरोपी शाहरुख सैफी ने ज्वलनशील लिक्विड उड़ेलकर सहयात्रियों को आग लगा दी थी। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।