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Owaisi का चुनाव आयोग पर आरोप, SIR को ‘बैक डोर’ से NRC लागू करने की कोशिश
चुनाव आयोग पर Owaisi का आरोप
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi) ने बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चुनाव आयोग को जमकर आड़े हाथ लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपनी संवैधानिक सीमा से बाहर उतर आया है। ओवैसी ने कहा कि चुनाव आयोग को नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने SIR को NRC लागू करने का ‘बैक डोर प्रयास’ बताया। बता दें, बिहार में इस साल के अंत में चुनाव हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि BLO द्वारा घर-घर जाकर दो दौर का सर्वे हुआ, जिसमें 6,60,67,208 या 83.66 प्रतिशत मतदाताओं के नामों की गणना हो चुकी है।
सोमवार को ओवैसी ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि आखिर किसने तय किया कि कौन नागरिक है और कौन नहीं। कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक संवैधानिक संस्था इतनी बड़ी बात नहीं बता रही है। बातें तो सूत्रों से आ रही हैं। ये स्रोत कौन हैं? ECI को यह ताकत किसने दी कि वह तय करे कि कोई नागरिक है या नहीं?” उन्होंने जोड़ा, “हमारी पार्टी ने पहले ही कहा था कि SIR बैक डोर से NRC है।”
ओवैसी ने अपने पार्टी के सदस्यों को BLO से मिलने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने 2003 में हुए SIR का उदाहरण भी दिया। कहा कि तब कितने विदेशी नागरिक पाए गए थे। सवाल किया कि आरटीई और गृह मंत्रालय के पास नागरिकता तय करने का अधिकार है। फिर चुनाव आयोग क्यों यह कर रहा है? उन्होंने आगे कहा कि नवंबर में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमांचल के लोगों को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।
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