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Pakistan : गिरफ्तारी, पिटाई और फिर कोर्ट से मिली रिहाई के बाद इमरान खान अगली तैयारी में
Pakistan : गिरफ्तारी, पिटाई और कोर्ट से मिली रिहाई के बाद इमरान खान अगली तैयारी में हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वो शांतिपूर्ण विरोध के लिए तैयार रहें। इससे पहले जमानत पर छूटे पठान का लाहौर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कुछ दिन के लिए खान की गिरफ्तारी पर रोक लग गई है। हाईकोर्ट ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में खान को सुरक्षात्मक जमानत दी है। अब उन्हें 17 मई तक किसी भी मामले में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।
इसी बीच पीएम शहबाज शरीफ ने कैबिनेट बैठक बुलाई। साथ ही शरीफ सरकार के 2-3 मंत्रियों ने देश में इमरजेंसी की सिफारिश की है। इस दौरान पाकिस्तान में काफी सियासी हलचल है। वहीं इमरान खान ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वो शांतिपूर्ण विरोध के लिए तैयार रहें।
Pakistan: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान दो दिन की नजरबंदी के बाद शनिवार तड़के लाहौर के जमान पार्क स्थित अपने आवास पर पहुंचे। पीटीआई समर्थकों ने इस्लामाबाद से लाहौर आते समय रास्ते में उनका स्वागत किया गया। इमरान खान कड़ी सुरक्षा के बीच सड़क मार्ग से लाहौर आए।
लाहौर की अपनी यात्रा के दौरान पीटीआई चेयरमैन ने खुलासा किया कि इस्लामाबाद पुलिस के महानिरीक्षक ने उन्हें लाहौर जाने से रोकने के लिए व्यापक प्रयास किए। यह तीन घंटे की यात्रा बेहद खतरनाक रही। खान ने कहा कि वह जबरन हिरासत में लेने के कृत्य के बारे में पूरे राष्ट्र को सूचित करेंगे। साथ ही खान ने कहाकि हम अपनी रिहाई सुरक्षित करने में कामयाब रहे।
Pakistan: उधर पाकिस्तान सेना के रिटायर्ड मेजर आदिल रजा ने ट्विटर पर दावा किया कि इमरान समर्थक होने के आरोप में 100 से अधिक सैन्य अधिकारियों को उनकी पत्नियों समेत गिरफ्तार कर लिया गया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। सेना के लाहौर स्थित कोर कमांडर सलमान फैय्याज गनी को बर्खास्त कर दिया गया है। गनी के ही घर इमरान समर्थकों ने आगजनी कर मोर, मुर्गे समेत कई चीजें चुराई थीं। उपद्रवियों पर सख्ती नहीं करने पर उन्हें हटाया गया।
रजा ने दो बड़े सैन्य अफसरों को इमरान के प्रति सहानुभूति रखने के आरोप में हटाए जाने का भी दावा किया। हालांकि स्वतंत्र स्रोतों से इनकी पुष्टि नहीं हुई। पंजाब प्रांत के पुलिस आईजी डॉ. उस्मान अनवर ने बताया, हिंसक संघर्ष मामले में 3000 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने शुक्रवार को देशभर में इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया। इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी। पीटीए ने एक बयान में कहा कि देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब का एक्सेस भी बहाल किया जा रहा है।
दूरसंचार नियामक ने आंतरिक मंत्रालय के निर्देश पर नौ मई को देशभर में मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित कर दिया था। इमरान खान की गिरफ्तारी से नाराज पीटीआई समर्थकों ने लाहौर, रावलपिंडी और पेशावर में सैन्य और सरकारी इमारतों में आगजनी की थी।
Pakistan: पीटीआई चेयरमैन इमरान खान शुक्रवार देर रात इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) परिसर से लाहौर में अपने निवास के लिए रवाना हुए। इससे पहले इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर में 11 घंटे तक ड्रामा होता रहा। इमरान ने अपनी जमानत पर लिखित फैसला आने तक अदालत परिसर के भीतर ही रहने का फैसला करने किया था और आईएचसी में घंटों तक रहे। उन्हें डर था कि बाहर निकलने के बाद पुलिस उन्हें फिर से गिरफ्तार कर सकती है।
आईएचसी परिसर छोड़ने से पहले इमरान खान ने एक बयान में अपने समर्थकों से कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार हो जाइए। मेरी जमानत मंजूर होने के बावजूद मुझे तीन घंटों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया। उन्होंने कहाकि अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है और उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है, फिर भी उन्हें रोक कर रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली व्यक्ति असंवैधानिक तरीके से व्यवहार कर रहे हैं और अदालत के आदेश को नहीं सुन रहे हैं।
Pakistan: पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में वह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, “अब तीन घंटे हो गए हैं। तीन घंटे से मुझे इन्होंने यहां अदालत के अंदर रखा हुआ है, जाने नहीं दे रहे हैं। कभी कोई बहाना मार रहे हैं, कभी कोई बहाना मार रहे हैं। मैं आज सारी कौम से कहना चाहता हूं कि अदालत ने मुझे हर जगह जमानत दे दी है। मेरे ऊपर अब कोई केस नहीं है। मैं आजाद हूं। उसके बावजूद इन्होंने मुझे यहां किडनैप कर रखा हुआ है। जबर्दस्ती रखा हुआ है।
मैं सारी कौम को बताना चाहता हूं कि इनकी बदनीयती है। ये फिर से कुछ करना चाहते हैं। सारी कौम तैयार हो जाएं। जब अदालतों के फैसले नहीं माने जा रहे हैं। जिस मुल्क के अंदर कानून की हैसियत ही खत्म हो गई है, तो आवाम को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहिए। नहीं तो हम अब भेड़-बकरियां बन जाएंगे।”