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Prashant Kishor का Congress में एंट्री, प्रियंका गांधी से मिलने के बाद राजनीति हुई तेज

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क्या प्रशांत किशोर (Prashant Kishor), जो जनसूराज पार्टी के संस्थापक हैं, कांग्रेस (Congress) में शामिल होने वाले हैं? अगर ऐसा होता है, तो यह राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकता है। अब आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हैं। हाल ही में, प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी से एक मुलाकात की।

प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी के बीच मुलाकात

यह मुलाकात बिहार विधानसभा चुनाव के एक महीने बाद हुई, जिससे इसे सामान्य राजनीतिक शिष्टाचार से अधिक का संकेत माना जा रहा है। इस बैठक की खास बात यह है कि किशोर लंबे समय से कांग्रेस के प्रमुख आलोचक रहे हैं, और अब उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना ने चर्चाओं को जन्म दिया है।

प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी के बीच यह मुलाकात उस समय हुई है जब बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा। किशोर की पार्टी सभी 238 उम्मीदवारों में से एक भी सीट नहीं जीत सकी, और 236 की जमानत भी जब्त हो गई। इस नतीजे ने किशोर की राजनीतिक रणनीति और भविष्य की दिशा पर प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस का हाल भी कुछ बेहतर नहीं रहा; उसने 61 सीटों में से सिर्फ छह पर जीत दर्ज की, जबकि 2020 में उसके पास 19 सीटें थीं। इसी समान राजनीतिक संकट ने दोनों दलों के बीच बातचीत का रास्ता खोला है।

औपचारिक पुष्टि अभी तक नहीं

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बैठक सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि संभावनाओं की खोज का प्रयास भी हो सकता है। कांग्रेस संगठन नई ऊर्जा और रणनीतियों की तलाश में है, वहीं किशोर को एक राष्ट्रीय मंच की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसलिए, इस मुलाकात को कांग्रेस में उनके शामिल होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि इसकी औपचारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है।

प्रशांत किशोर और गांधी परिवार के बीच के रिश्ते कोई नए नहीं हैं। चाहें वह एक रणनीतिकार के रूप में हों या राजनीतिक सलाहकार के तौर पर, किशोर का कांग्रेस नेतृत्व के साथ संवाद पहले से चला आ रहा है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने कांग्रेस द्वारा उठाए गए कुछ मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से अपनी असहमति जताई थी। उन्होंने मतदाता सूची में बदलाव और राहुल गांधी के वोट चोरी के अभियान को राज्य में अप्रासंगिक बताया था। हालांकि, उस समय उनकी आलोचना के बावजूद उनका अपना चुनावी प्रयोग भी सफल नहीं हो पाया।

किशोर को इस समूह में शामिल होने का निमंत्रण

2021 में JDU से बाहर होने के बाद, किशोर ने गांधी परिवार से पुनः संपर्क किया और कांग्रेस को मजबूत करने की संभावनाओं पर चर्चा की।

सोनिया गांधी ने किशोर के प्रस्तावों की समीक्षा के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया, जिसके बाद ‘एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024’ की स्थापना की गई। कांग्रेस नेतृत्व ने किशोर को इस समूह में शामिल होने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। किशोर ने बताया कि पार्टी को बाहरी सलाह के बजाय मजबूत नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की ज्यादा आवश्यकता है। उन्होंने अधिक अधिकार और पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन सकी, जिसके चलते बातचीत समाप्त हो गई।

कांग्रेस ने एक बयान में यह स्पष्ट किया कि किशोर के सुझावों और प्रयासों की सराहना की जाती है।

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