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Prashant Kishor बोले – कॉफी जैसा है BJP-RSS गठजोड़, आसान नहीं है हराना

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने BJP-RSS गठबंधन की तुलना कॉफी से की। किशोर ने कहा कि भाजपा इस इसमें झाग की तरह है जो ऊपरी हिस्से में रहता है, जबकि असली चीज नीचे (आरएसएस) है जो उसका मूल शरीर है।

प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) अभी बिहार में राज्यव्यापी 3,500 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन पदयात्रा शुरू की थी। पदयात्रा के दौरान उन्होंने अफसोस जताया कि उन्हें यह महसूस करने में काफी समय लगा कि नाथूराम गोडसे की विचारधारा को, गांधी की कांग्रेस को ही पुनर्जीवित कर हराया जा सकता है। और यह बेहतर होता कि मैं नीतीश कुमार, जगन मोहन जैसे लोगों की मदद करने की बजाय उस दिशा में काम करता।

आईपैक के संस्थापक किशोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रथ को रोकने में विपक्षी एकजुटता की प्रभावशीलता पर संदेह करते रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहाकि जब तक कोई यह नहीं समझता, कि BJP-RSS क्या हैं, तब तक कोई भी बीजेपी को नहीं हरा सकता।

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Prashant Kishor ने आगे पूछा- क्या आपने कभी एक कॉफी का कप देखा है? जैसे उसके सबसे ऊपर झाग होता है, भाजपा वैसी ही है। उसके नीचे आरएसएस की गहरी संरचना है। आरएसएस ने सामाजिक ताना-बाना खराब कर लिया है। इसे अब शॉर्टकट तरीके से नहीं हराया जा सकता है।

Prashant Kishor ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का चुनाव प्रचार अभियान संभाला था। इस चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। किशोर पदयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं और उन्हें ‘भाजपा का एजेंट’ बता रहे हैं।

चुनावी रणनीतिकार Prashant Kishor ने कहा, जब मैं जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष था, तब देश में सीएए-एनआरसी के खिलाफ उबाल था। मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि मेरी पार्टी के सांसदों ने भी संसद में नागरिकता संसोधन विधेयक (सीएबी) के पक्ष में मतदान किया। उस समय हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार थे। उनसे मेरा सामना हुआ तो उन्होंने दावा किया कि वह दौरे पर थे, इसलिए उन्हें इस डेवलपमेंट के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह बिहार में एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे। उनके दोहरेपन से मुझे महसूस हुआ कि मैं इनके साथ काम नहीं कर सकता।” बाद में किशोर को निष्कासित कर दिया गया था।

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