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Bihar assembly elections से पहले प्रशांत किशोर की बढ़ी मुश्किलें: चिराग पासवान का बड़ा हमला

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Bihar assembly elections: राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर पर सीधा हमला बोला है। दोहरी वोटर आईडी का मामला सामने आया। साथ ही मुस्लिम वोटर्स को एनडीए के साथ जुड़ने की सलाह दी। यह बयान बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकता है। आप सोचिए, जो दूसरों की पोल खोलते हैं, उनके खुद के राज कैसे खुलते हैं। चिराग पासवान ने ठीक यही कहा। प्रशांत किशोर जैसे राजनीतिक सलाहकार पर यह सवाल उठना बड़ी बात है। आइए, इस विवाद को गहराई से समझें।

चिराग पासवान के तीखे बयान की पृष्ठभूमि

चिराग पासवान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर पर निशाना साधा। प्रशांत किशोर राजनीतिक पार्टियों को सलाह देते हैं। वे अक्सर विपक्षी दलों के लिए रणनीति बनाते हैं। इस बार चिराग ने उनके बयानों का जवाब दिया। प्रशांत ने मुस्लिम वोटर्स को आरजेडी का समर्थन करने को कहा था। चिराग ने इसे डर की राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी आने पर कुछ बुरा नहीं हुआ। इसके अलावा दोहरी वोटर आईडी का आरोप लगाया। यह बयान बिहार चुनाव के संदर्भ में आया। चिराग लोक जनशक्ति पार्टी के नेता हैं। वे एनडीए के साथ हैं। प्रशांत किशोर ने हाल में चिराग पर सवाल उठाए थे। चिराग ने उल्टा जवाब दिया। यह राजनीतिक बहस को गर्म कर रहा है।

प्रशांत किशोर का नाम राजनीति में बड़ा है। वे कई चुनावों में सलाहकार रहे। लेकिन अब उनके खुद के वोटर आईडी पर सवाल हैं। चिराग ने कहा कि ऐसे लोग दूसरों को नसीहत देते हैं। खुद की गलती सुधारते नहीं। यह विवाद विश्वसनीयता पर केंद्रित है। बिहार में वोटर लिस्ट की जांच होती रहती है। दोहरी आईडी गैरकानूनी है। चिराग का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई लोग इसे लेकर बहस कर रहे हैं।

चिराग पासवान का प्रशांत किशोर पर तीखा प्रहार: दोहरी वोटर आईडी विवाद

चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर को आईना दिखाया। उन्होंने कहा, “जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर कैसे मारते हैं?” दोहरी वोटर आईडी का मामला यही दिखाता है। प्रशांत के नाम पर दो जगह रजिस्ट्रेशन है। चिराग ने इसे अनुचित बताया। प्रशांत राजनीतिक जानकार हैं। अनजाने में गलती नहीं हो सकती। उन्होंने इसे सुधारने का मौका दिया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह नैतिक सवाल उठाता है।

“खुद के जब दो-दो आईडी हैं”: वोटरशिप के नैतिक मानक

चिराग ने साफ कहा। दो-दो जगह वोटर आईडी बनाना गलत है। प्रशांत दूसरों को समझाते हैं। खुद पर लागू नहीं करते। चुनाव आयोग इसे गंभीरता से लेता है। दोहरी आईडी से वोटिंग धोखा है। चिराग ने कहा कि प्रशांत की पोल खोलने की आदत है। लेकिन खुद का मामला छिपा रहे। यह हिपोक्रिसी लगती है। बिहार में ऐसे केस पहले भी आए। लेकिन एक सलाहकार का नाम आना चौंकाता है। क्या प्रशांत जवाब देंगे? यह सवाल बाकी है।

वोटर आईडी कार्ड हर नागरिक का अधिकार है। लेकिन एक ही जगह वैध। दोहरी आईडी से सिस्टम कमजोर होता है। चिराग ने इसे उजागर किया। उन्होंने कहा कि जानकारी होने पर भी सुधार न करना गलत है। राजनीति में विश्वास जरूरी है। ऐसे आरोप से छवि खराब होती है। कई पार्टियां इससे फायदा उठा सकती हैं।

विश्वसनीयता का संकट: दूसरों की ‘पोल खोलने’ वाले पर सवाल

प्रशांत किशोर अक्सर दूसरों की कमजोरियां बताते हैं। चिराग ने कहा कि वे सो-कॉल्ड पोल खोलते हैं। लेकिन खुद दोहरी वोटरशिप में फंसे। यह उनकी साख पर सवाल है। राजनीतिक सलाहकार को ईमानदारी दिखानी चाहिए। चिराग ने इसे ड्यूल वोटरशिप कहा। जो कभी उचित नहीं। बिहार चुनाव में वोटर लिस्ट साफ होनी चाहिए। प्रशांत का मामला उदाहरण बन सकता है। क्या वे सफाई देंगे? इंतजार है।

यह विवाद सिर्फ व्यक्तिगत नहीं। यह पूरे सिस्टम पर असर डालता है। वोटर्स सोचेंगे कि नेता खुद नियम तोड़ते हैं। तो दूसरों पर क्यों सवाल? चिराग का प्रहार सीधा था। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग दूसरों को नसीयत देते हैं। खुद सुधारते नहीं। यह राजनीति की पुरानी बीमारी है। लेकिन चिराग ने इसे उजागर किया।

मुस्लिम मतदाताओं को लेकर प्रशांत किशोर की आलोचना और पासवान का पलटवार

प्रशांत किशोर ने मुस्लिम वोटर्स से अपील की। उन्होंने कहा कि बीजेपी के डर से आरजेडी को वोट दो। चिराग पासवान ने इसका पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह डर की राजनीति है। मुसलमानों को 11 साल से डराया जा रहा। मोदी या एनडीए आने पर बुरा होगा। लेकिन क्या हुआ? चिराग ने सवाल उठाया। पिछले 11 साल में कल्याण योजनाओं का लाभ मिला। फिर डर क्यों?

“11 साल से डराया जा रहा है”: डर की राजनीति का खंडन

चिराग ने कहा, “भाई, 11 साल में क्या हो गया?” एनडीए सरकार ने गरीबों के लिए स्कीम्स चलाईं। मुसलमानों को भी फायदा हुआ। पीएम आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाएं। डर दिखाकर वोट लेना गलत। चिराग ने मुसलमानों से अपील की। डर छोड़ो। व्यवस्था का हिस्सा बनो। बिहार में डबल इंजन सरकार आएगी। अगले 5 साल स्वर्णिम काल होंगे। इसमें शामिल हो जाओ। यह संदेश सकारात्मक था।

डर की राजनीति पुरानी है। विपक्ष हमेशा मोदी का नाम लेकर डराता है। चिराग ने तथ्यों से जवाब दिया। 11 साल में शांति रही। विकास हुआ। मुसलमानों ने लाभ लिया। फिर गलत व्यक्ति को वोट क्यों? चिराग का बयान मुसलमानों को सोचने पर मजबूर करेगा। क्या वे एनडीए का साथ देंगे?

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