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President Oath: द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रुप में ली शपथ, देश को मिला पहला आदिवासी राष्ट्रपति

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President Oath:आज यानि की 25 जुलाई 2022 का दिन देश के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। आज देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिला। द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने देश के 15वें और देश के पहले आदिवासी राष्ट्रपति के रुप में शपथ ले ली है। इसके साथ ही मुर्मू देश की पहली सबसे युवा राष्ट्रपति बन गई हैं। चीफ जस्टिस एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। इस समारोह में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, सांसद, प्रमुख नागरिक समेत सैन्य अधिकारी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

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शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने देश को संबोधित करते हुए कहा, मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे। भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।

उन्होंने कहा,  ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है। मैं ऐसी पहली राष्ट्रपति हूं जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है।  हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है।  इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों पर आगे बढ़ेगा- सबका प्रयास और सबका कर्तव्य।

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने कहा, ल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है। ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है। मैं आज, देश की सेनाओं को तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं। मुर्मू ने अपनी जीवन यात्रा के बारें में कहा, मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी।  मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी।

राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है।

 

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