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Presidential Elections 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष ने उम्मीदवार तय कर दिए। एनडीए ने पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को और विपक्ष ने यशवंत सिन्हा पर दाँव खेला है।
Presidential Elections 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष ने उम्मीदवार तय कर दिए। एनडीए ने पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को और विपक्ष ने यशवंत सिन्हा पर दाँव खेला है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी मुख्यालय में हुई भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा करते हुए भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि पहली बार किसी महिला आदिवासी प्रत्याशी को वरीयता दी गई है। उन्होंने कहा, “हम आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के उम्मीदवार के रूप में घोषित करते हैं।” निर्वाचित होने पर, 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू भारत की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। वह एक आदिवासी जातीय समूह संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं। ओडिशा के आदिवासी परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू झारखंड की नौवीं राज्यपाल बनी थीं।
राजनीतिज्ञ होने के अलावा वह अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं। राज्यपाल बनने से पहले वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य रही हैं। यही नहीं द्रौपदी मुर्मू साल 2000 में गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल (2015-2021) पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल हैं।
द्रोपदी मुर्मू उड़ीसा में बीजेपी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहीं। इसके अलावा 6 अगस्त, 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन एवं पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं।
PRESIDENTIAL ELECTIONS 2022: विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा
उधर राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों ने पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक बार फिर विपक्षी दलों की बैठक हुई। ये बैठक दिल्ली में राकांपा प्रमुख शरद पवार के घर पर हुई। बैठक में कुल 15 दल शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस के राज्य सभा सांसद जयराम रमेश घोषणा करते हुए कहा कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा विपक्षी दलों के आम उम्मीदवार होंगे।
इस बैठक में कांग्रेस, राकांपा, तृणमूल, भाकपा, माकपा, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एआईएमआईएम, राष्ट्रीय जनता दल और असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रतिनिधि शामिल हुए। वहीं कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस से अभिषेक बनर्जी, द्रमुक से तिरुचि शिवा, माकपा से सीताराम येचुरी और भाकपा से डी राजा बैठक में मौजूद रहे।
विपक्ष की इस बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजेडी), आम आदमी पार्टी (आप), शिरोमण अकाली दल (शिअद) और वाईएसआरसीपी शामिल नहीं हुए। ये दल इससे पहले 15 जून को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक से भी दूर रहे थे। हालांकि बैठक से नदारद रहे दलों को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि टीआरएस, आम आदमी पार्टी और शिवसेना बैठक में नहीं थी, लेकिन तीनों पार्टियां यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगी। विपक्ष 27 जून को सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेगा।