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Rahul Contempt Case: मोदी वाले मानहानि केस में राहुल गांधी को 2 साल की सजा

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Rahul Contempt Case: ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…’ इस पर चले मानहानि केस में राहुल गांधी को 2 साल की सजा हुई है। इस मामले में राहुल को 30 दिन के लिए ज़मानत भी मिली है। बता दें कि साल 2019 में वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों?

‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…’ वाले बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया। इस फैसले के 27 मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी गई। सुनवाई के दौरान राहुल कोर्ट में मौजूद रहे।

Rahul Contempt Case: राहुल ने कोर्ट में अपना पक्ष भी रखा। उनके वकील के मुताबिक, ‘राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।’ सजा के बाद राहुल बोले- सत्य मेरा भगवान है।

 

इस मामले में राहुल पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
Rahul Contempt Case: राहुल को आईपीसी की धारा 400 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान है। राहुल के वकील ने कोर्ट से कहा- इस पूरी घटना में कोई घायल नहीं हुआ। इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। इसलिए हम किसी प्रकार की दया की याचना नहीं करते हैं।

 

कोर्ट के बाहर विधायक और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और उनके समर्थकों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए।

Rahul Contempt Case: राहुल की सज़ा पर किरेन रिजिजू ने कहा कि मैं कुछ भी कहने से पहले ऑर्डर की कॉपी देखूंगा। राहुल गांधी जो कुछ भी बोलते हैं वह हमेशा कांग्रेस पार्टी और पूरे देश पर गलत असर डालता है। कांग्रेस के कुछ सांसदों ने मुझसे कहा है कि राहुल के रवैए से कांग्रेस को ही नुकसान हो रहा है।

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गुजरात BJP अध्यक्ष, सीआर पाटिल ने कहा, ‘राहुल कहीं भी कुछ भी बोल देते हैं। उन्होंने पूरे समाज को बदनाम किया। इससे मोदी समाज में गुस्सा था। इसलिए आज कोर्ट ने भी उन्हें सजा दोषी करार दिया है। राहुल गांधी जो बकवास करते हैं। वो बंद करें।’

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुकदमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं, मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि केस में फंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं, पर इस निर्णय से असहमत हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में कहा कि मीडिया को भी दबाने की कोशिश की जा रही है। न्यायपालिका को प्रभावित कर रहे हैं और राजनीतिक दल के लोगों पर इस स्तर पर जाकर वे कार्रवाई कर रहे हैं।
गौर करें तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल ने अपने भाषण में कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। आखिरी बार अक्टूबर 2021 की पेश के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।

यह केस सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी ने दर्ज किया था। पूर्णेश का कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे समाज को चोर कहा था। चुनावी सभा में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए, जिससे हमारी और समाज की भावनाओं को ठेस पहुंची। इसी के चलते हम इस मामले को कोर्ट में लेकर आए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।

हालांकि, राहुल गांधी के वकील ने दलील दी थी कि पूर्णेश मोदी को इस मामले में पीड़ित पक्ष के रूप में शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था, क्योंकि राहुल गांधी के अधिकांश भाषणों में प्रधान मंत्री को निशाना बनाया गया था, न कि पूर्णेश मोदी को।

इससे पहले रेप पीड़ितों पर दिए बयान पर राहुल गांधी ने दिल्ली पुलिस की नोटिस पर मेल के जरिए 10 पॉइंट में 4 पेज का जवाब दिया है। राहुल ने कहा कि क्या यह मेरी ओर से अडाणी पर दिए गए बयान की वजह से हो रहा है। मैंने बयान 45 दिन पहले दिया था, जिस पर अब अचानक नोटिस देने की क्या जरूरत पड़ गई? देश में अभी भी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न हो रहा है। पढ़ें पूरी खबर…

बता दें कि राहुल गांधी ने 7 बार विदेश से मोदी सरकार को सिर से पांव तक घेरा था। उन्होंने कहा था कि ‘जो लोग प्रधानमंत्री मोदी या उनकी सरकार पर सवाल उठाते हैं, उस पर हमला किया जाता है। BBC के साथ भी यही हुआ। मेरे फोन की जासूसी होती है। विपक्ष के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। भारत में विपक्षी नेता के तौर पर यह एक ऐसा दबाव है, जो लगातार झेलना पड़ता है।’ यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी का है। यह 7वीं बार है जब राहुल गांधी ने विदेशी धरती से मोदी सरकार की आलोचना की थी।

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