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ओबीसी समुदाय को लेकर Rahul Gandhi का BJP और RSS पर आरोप, रायबरेली में BJP मंत्री ने काफिले को रोका

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हाल ही में रायबरेली में प्रजापति समुदाय के एक सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने भाजपा (BJP) और आरएसएस (RSS) पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को आगे बढ़ने से रोकने का सीधा आरोप लगाया। गांधी का मुख्य तर्क यह है कि भाजपा और आरएसएस का उद्देश्य आबादी के विशाल बहुमत—जिसमें ओबीसी, दलित और आदिवासी शामिल हैं—को उनकी वर्तमान स्थिति में बनाए रखना है। साथ ही, उनका दावा है कि वे अंबानी जैसी कॉर्पोरेट संस्थाओं को और समृद्ध बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की भी तीखी आलोचना की और कहा कि अपनी ओबीसी पृष्ठभूमि के बावजूद, वे जाति जनगणना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चुप हैं।

गांधी के दावे असमानता की एक तीखी तस्वीर पेश करते हैं। उनका तर्क है कि भाजपा और आरएसएस 90% आबादी, जिसमें ओबीसी, दलित और आदिवासी समुदाय शामिल हैं, को आगे बढ़ते देखने में रुचि नहीं रखते। इसके बजाय, उनका कथित एजेंडा इन समूहों को वहीं बनाए रखना प्रतीत होता है जहाँ वे हैं। गांधी का सुझाव है कि इस दृष्टिकोण से अंबानी जैसे पहले से ही धनी लोगों को फायदा होता है, जिससे वे और अधिक धन संचय करते रहते हैं। उन्होंने जाति जनगणना पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर विशेष रूप से सवाल उठाया, जिसे गांधी ने संसद में उठाया था। इस विषय पर प्रधानमंत्री के लंबे भाषण के बावजूद, जाति जनगणना का उल्लेख नहीं किया गया, जिससे गांधी ने ओबीसी समुदाय के प्रति मोदी की प्रतिबद्धता की ईमानदारी पर सवाल उठाया।

ओबीसी समुदाय को लेकर Rahul Gandhi का BJP और RSS पर आरोप

गांधी का तर्क स्पष्ट है: भाजपा और आरएसएस ओबीसी समुदाय की उन्नति के विरुद्ध सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उनका तर्क है कि उनकी नीतियाँ और कार्य यथास्थिति बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इसका मतलब है कि अंबानी जैसे धनी लोग और अधिक धनी होते जा रहे हैं, जबकि ओबीसी समुदाय आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहा है। गांधी ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा अक्सर अपनी ओबीसी पहचान को उजागर करने के बावजूद, इस समूह के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। चाहे वह आरक्षण की बात हो या विशिष्ट कल्याणकारी कार्यक्रमों की, गांधी ओबीसी के लिए बयानबाजी और वास्तविकता के बीच एक बड़ा अंतर देखते हैं।

“वोट चोरी” के आरोप और चुनावी ईमानदारी

राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर “वोट चोरी” के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि ये पार्टियाँ चुनाव आयोग के ज़रिए चुनाव परिणामों में हेरफेर करने का काम कर रही हैं। गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव का उदाहरण दिया। उन्होंने दावा किया कि एक लाख फ़र्ज़ी मतदाता बनाए गए, और चुनाव आयोग ने अभी तक इस मामले पर कोई रिपोर्ट नहीं दी है। गांधी ने ज़ोर देकर कहा कि यह वोट चुराने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमज़ोर करने का एक सुनियोजित प्रयास है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा ही चलता रहा, तो देश की पूरी राजनीतिक व्यवस्था ख़तरे में पड़ सकती है।

रायबरेली रैली में व्यवधान: भाजपा मंत्री दिनेश प्रताप सिंह से टकराव

रायबरेली की रैली चुनौतियों से खाली नहीं थी। जैसे ही राहुल गांधी का काफिला दिल्ली से निकल रहा था, कथित तौर पर भाजपा मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने उसे रोक लिया। सिंह, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में गांधी से हार गए थे, ने समर्थकों को इकट्ठा किया और विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने “राहुल वापस जाओ” के नारे लगाए और गांधी को उनके अपने संसदीय क्षेत्र में उनके गंतव्य तक पहुँचने से रोकने की कोशिश की। इस घटना के कारण काफी देरी हुई और गांधी का काफिला अपने निर्धारित मार्ग से लगभग एक किलोमीटर पहले ही रुक गया।

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