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राजा जूट किस्म से किसानों की आय में दोगुना उछाल
प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए आज पूरी दुनिया में प्लास्टिक के बजाय जूट (पटसन) से बने उत्पादों का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती मांग को पूरा करने में बड़ी बारी कम्पनिया जुट उत्पादन मे जुटी है, हैदराबाद की नुजिवीडु सीड्स कंपनी द्वारा विकसित जूट की नई किस्म — राजा एनजे 7005 से किसान काफी लाभान्वित हो रहे है। किसानो की आय बढ़ाने का बेहतर साधन है।
किसानों की आय में राजा जूट किस्म से आय में दोगुना उछाल
पिछले वर्ष की तुलना में इस साल जूट की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है। जहां पहले जूट का दाम 4000 रुपये प्रति क्विंटल था, अब यह बढ़कर 8000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इस कारण राज्य के हजारों किसान अब जुट की खेती करने लगे है। किसान हैदराबाद की राजा पाट किस्म की जुट की खेती कर काफी लाभ कमा रहे है। नुजिवीडु सीड्स के अनुसंधान विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद मसीउर रहमान द्वारा विकसित की गई थी। इसके बाद से यह उच्च गुणवत्ता वाला बीज किसानों में लोकप्रियता हासिल करता गया।
खेती में लागत कम
राजा पटसन की फाइबर पारंपरिक जूट की तुलना में अधिक लंबी और बेहतर गुणवत्ता की होती है। अन्य किस्मों की तुलना में यह प्रति एकड़ कम से कम 2 क्विंटल अधिक उत्पादन देती है। इसकी खेती में लागत कम आती है, पौधे लगभग 2 फीट ज्यादा लंबे होते हैं, तना मोटा होता है, और फाइबर की गुणवत्ता भी उच्च स्तर की होती है। इसका सीधा लाभ किसानों को होता है वे प्रति एकड़ लगभग 10,000 रुपये तक अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
कई किसानों ने बताया कि पहले वे पारंपरिक जूट की खेती करते थे, जिससे मुनाफा बहुत कम होता था। लेकिन राजा बीज द्वारा पटसन की खेती शुरू करने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। कुछ किसानों ने बताया कि अब उनकी आमदनी पहले से कहीं ज्यादा हो गई है। पद्मश्री से सम्मानित ढाकी सम्राट गोकुल चंद्र दास ने भी किसानों का उत्साह बढ़ाया और कहा — बल्कि किसानों की किस्मत बदलने वाला हथियार बन चुका है।
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