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Religious Conversion: गैर मुस्लिमों और हिंदुओं को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने पर माैलाना उमर गाैतम समेत 16 दोषी

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Religious Conversion: उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की विशेष अदालत ने अवैध रूप से धर्म परिवर्तन के मामले में आरोपी उमर गौतम और 15 अन्य लोगों को मंगलवार को दोषी करार दिया। विशेष एटीएस अदालत ने सभी दोषियों को जेल भेज दिया है। अभियोजन पक्ष ने बताया कि दोषियों को अदालत बुधवार को सजा सुनाएगी।

विशेष जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपियों की सजा पर सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की है। अदालत ने सभी आरोपियों को बुधवार को जेल से तलब करने का भी आदेश दिया। अभियोजन पक्ष ने बताया कि दोषियों को अदालत बुधवार को सजा सुनाएगी।

गरीब, असहाय व मजबूर गैर मुस्लिमों व हिंदूओं को नौकरी और धन का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने के मामले में एटीएस कोर्ट ने माैलाना उमर गाैतम व माैलाना कलीम सिद्दीकी समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया है।

विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी बुधवार को इन्हें सजा सुनाएंगे। एक अन्य आरोपी मो. इदरीस कुरैशी को इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है। लिहाजा उसके मामले की सुनवाई नहीं हुई।

एटीएस के लोक अभियोजक नागेंद्र गोस्वामी ने कोर्ट को बताया कि आरोपियों की ओर से आपराधिक षड़यंत्र के तहत देशव्यापी अवैध धर्मांतरण कराने का गिरोह संचालित किया जा रहा था।

इस गिरोह की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर, दिव्यांगजन, विशेषकर मूकबधिर लोगों को बहला फुसला कर, डराकर, बलपूर्वक और दबाव डाल कर धर्मांतरण कराया जा रहा था।

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वहीं, धर्मांतरित व्यक्ति के जरिये उसके मूल धर्म के लोगों का धर्मांतरण भी कराया जा रहा था। एटीएस की ओर से कहा गया कि धर्मांतरित व्यक्ति वापस मूल धर्म में न जाए और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो, इसके लिए बाकायदा कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षण दिया जाता था।

एटीएस के अनुसार, माैलाना उमर गाैतम इस गिरोह का सरगना है। उसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर धर्मांतरण के लिए एक सिंडिकेट तैयार किया था।

दिल्ली में जामिया नगर के बाटला हाउस इस्लामिक दावा सेंटर की स्थापना करने वाले उमर गौतम को एटीएस ने वर्ष 2021 में नोएडा से गिरफ्तार किया था। उमर गौतम के अलावा धर्मांतरण के इस सिण्डिकेट में उसका बेटा भी शामिल था।

दोषियों ने इस्लामिक दावा सेंटर के अलावा डेफ सोसायटी को केंद्र बनाकर पूरे भारत में जाल बिछाया। दूसरे देशों में बैठे सहयोगियों ने हवाला के जरिये धन की व्यवस्था की।

आरोपियों के पास से पासपोर्ट, मुहर, साहित्य, धर्म और नाम बदलने वाले पुरुष, महिला व बच्चों की सूची, मोबाइल, लाइसेंस, पहचान पत्र, आधार, पैन, मैरिज सर्टिफिकेट और कंवर्जन रजिस्टर बरामद हुआ था।

इस मामले में 20 जून 2021 को मामला दर्ज करने के बाद एटीएस ने कुल 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें कौसर आलम, उमर गौतम, डॉ फराज बाबुल्लाह शाह, प्रसाद रामेश्वर कोवरे उर्फ आदम, भूप्रिय बन्दो उर्फ अरसलान मुस्तफा, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, इरफान शेख, सलाहुद्दीन जैनुदद्दीन शेख, राहुल भोला उर्फ प्रवीण भोला, मन्नु यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, मो. कलीम सिद्दीकी, मो. सलीम, कुणाल अशोक चौधरी उर्फ आतिफ, मो. इदरीस कुरैशी, धीरज गोविंद राव जगताप, सरफराज अली जाफरी और अब्दुल्ला उमर शामिल हैं।

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