Sen your news articles to publish at [email protected]
Sawan 2023: सावन में शिव की महिमा अपरंपार, आज 5वाँ सोमवार
8 सोमवार के साथ 2 माह चलेगा सावन का महीना
Sawan 2023: आज सावना का पाँचवाँ सोमवार है। मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी है। सावन के महीने का समापन 31 अगस्त 2023 को होगा। हिंदू धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व होता है। यह देवों के देव महादेव का प्रिय महीना है। इस साल सावन में कुल 8 सोमवार व्रत पड़ रहे हैं।
Sawan 2023: 24 जुलाई को सावन के तीसरे और अधिक मास के पहले सोमवार पर रवि योग, शिव योग और सिद्ध योग का अद्भुत योग बन रहा है। शिव योग को शिवजी की पूजा और रुद्राभिषेक के बहुत शुभ माना जाता है। रवि योग में अशुभ स्थिति भी शुभता में बदल जाती है और सिद्ध योग को भी शुभ माना जाता है. इस योग में किए पूजा का फल प्राप्त होता है.
Sawan 2023: सावन सोमवार को पूजा में शिवजी के मंत्रों का जाप करने से बहुत से लाभ होते हैं। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- ॐ नम: शिवाय
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- ॐ नमो भगवते रुद्राय
- ॐ हं हं सह:
- ॐ नमः शिवाय व्योमकेश्वराय
- ॐ पार्वतीपतये नमः
- ॐ नमः शिवाय गङ्गाधराय
- ॐ नमः शिवाय शान्ताय
Sawan 2023: अधिकमास के कारण सावन का महीना एक बजाय दो महीनों तक चलेगा। सावन के महीने का समापन 31 अगस्त 2023 को होगा।
Sawan 2023 : 4 जुलाई 2023 से शिवजी की आराधना का महापर्व शुरू हो गया। इस वर्ष सावन 58 दिनों का होगा यानी शिवजी की पूजा-पाठ और भक्ति के लिए सावन का महीना दो माह का होगा। 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा।
Sawan 2023: इस दौरान 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास चल रहा है। इसी कारण से इस वर्ष सावन का महीना 2 महीने का है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। ऐसे में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में रहता है। अधिकमास के चलते इस बार चातुर्मास चार के बजाय 5 महीनों का होगा। सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना पांचवां महीना होता है।
Sawan 2023: इस साल अधिकमास के कारण सावन का महीना 58 दिनों तक चलेगा। सावन महीने की शुरुआत के साथ ही कई व्रत-त्योहार भी आरंभ हो जाते हैं। 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू होकर 31 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान कई त्योहार मनाए जाएंगे। 6 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी, 13 जुलाई को कामिका एकादशी, 15 जुलाई को मासिक शिवरात्रि, 17 जुलाई को श्रावण माह की अमावस्या, 19 अगस्त को हरियाली तीज, 21 अगस्त नाग पंचमी, 30 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा।
Sawan 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना पांचवां महीना होता है। आषाढ़ खत्म होते ही श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सावन का पवित्र महीना शुरू हो जाता है। इस माह को श्रावण के नाम से भी जाना जाता है। श्रावण का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है।
भोले भंडारी को सावन का महीना प्रिय होने के पीछे एक कथा है, दरअसल सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं। सावन के महीने में सोमवार व्रत, मासिक शिवरात्रि और कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है।
Sawan 2023: सावन में ही मां पार्वती ने भगवान शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मां पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस तरह से मां पार्वती का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ। ऐसे में सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का प्रिय महीना था। इस कारण से सावन के महीने में पड़ने वाले हर सोमवार का काफी महत्व होता है। सावन का महीना और इसमें पड़ने वाले सोमवार व्रत का सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही खास होता है।
Sawan 2023: सावन सोमवार के दिन विवाहित महिलाएं दिनभर व्रत रखते हुए शिवजी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हुए पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं दूसरी तरफ सावन सोमवार का व्रत कुंवारी कन्याएं शिवजी की पूजा करते हुए अपने लिए सुयोग्य वर की कामना करती हैं।
Sawan 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भोलेभंडारी की पूजा-उपासना और मंत्रोचार करने पर शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े धारण करें। इसके बाद अपने घर के पास स्थित शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का गंगाजल, शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें।
भोलेनाथ का अभिषेक करते हुए लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। फिर इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और शमीपत्र आदि अर्पित करें। फल-पुष्य अर्पित करने के बाद शिव चालीसा का पाठ और शिव आरती करें।
दूसरी तरफ सुहागिन महिलाएं सावन में आने वाले सोमवार का व्रत रखें और मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करते हुए अपनी पति और परिवार की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना करें।
Sawan 2023: हिंदू पंचांग की गणना सौरमास और चंद्र मास के आधार पर करने की परंपरा है। वैदिक शास्त्र के अनुसार चंद्रमास 354 दिनों का और सौरमास 365 दिन होता है। इस तरह से इन दोनों में 11 दिन का अंतर आता है। हर 3 साल के दौरान यह अंतर 33 दिनों का होता जाता है। इस 33 दिनों को ही अधिकमास कहा जाता है। इस तरह से इस बार सावन के महीने में अधिकमास पड़ने से दो महीनों का सावन होगा। शिवजी की आराधना का खास महीना सावन 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास रहेगा। इसके बाद सावन का शेष महीना शुरू होगा, जो कि 31 अगस्त तक रहेगा।
Sawan 2023: सावन में भोलेभंडारी की पूजा-उपासना और मंत्रोच्चार करने पर शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े धारण करें। इसके बाद अपने घर के पास स्थित शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का गंगाजल, शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें। भोलेनाथ का अभिषेक करते हुए लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।
इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और शमीपत्र आदि अर्पित करें। फल-पुष्य अर्पित करने के बाद शिव चालीसा का पाठ और शिव आरती करें। वहीं दूसरी तरफ सुहागिन महिलाएं सावन में आने वाले सोमवार का व्रत रखें और मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करते हुए अपनी पति और परिवार की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना करें।
Sawan 2023: सावन भगवान शिवजी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित होता है। सावन माह में शिवमंदिर में भक्तों की काफी भीड़ एकत्रित होती है। शिवजी को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने में जल, बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, भांग, चंदन, शहद, भस्म और जनेऊ भी ज़रूर चढ़ाएं।
वहीं, दूसरी तरफ शिव पुराण के अनुसार भगवन शिव को कुछ चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए। शिवजी की पूजा में कभी भी केतकी के फूल, तुलसी दल, हल्दी, शंख जल, सिंदूर, कुमकुम, नारियल और टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाना चाहिए।