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Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण! रहना है संभल कर

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Solar Eclipse: 27 साल बाद दीपावली के दूसरे दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लग रहा है। यह इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले यह खगोलीय घटना 24 अक्टूबर 1995 को दिवाली के दूसरे दिन हुई थी। देश और दुनिया भर में इस सूर्य ग्रहण का असर रहेगा। अगला सूर्यग्रहण 2027 में पड़ेगा।

Solar Eclipse:  मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आंशिक सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। भारत में सूर्यास्त के पहले दोपहर में ग्रहण शुरू होगा। इसे अधिकतर जगहों से देखा जा सकेगा। हालांकि यह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ जगह जैसे आइजोल, डिब्रूगढ़, इम्फाल, ईटानगर, कोहिमा इत्यादि) में नहीं दिखाई देगा।

Solar Eclipse:  इससे पहले यह संयोग करीब 27 साल पहले 1995 में बना था। उस दौरान दिवाली 23 अक्टूबर को थी। दूसरे दिन 24 अक्टूबर को संपूर्ण सूर्य ग्रहण था।

Solar Eclipse:  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यह शाम करीब 4 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगा। यह शाम 5 बजकर 38 मिनट तक नजर आएगा। इस दौरान चांद प्रदेश भर में सूर्य के 32% से ज्यादा हिस्से को कवर कर लेगा। ग्रहण का अंत प्रदेश भर में कहीं भी दिखाई नहीं देगा, क्योंकि वह सूर्यास्त के उपरांत भी जारी रहेगा।

भारत में उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा लगभग सूर्य के 40 से 50% के बीच होगा।

Solar Eclipse:  दिल्ली-मुंबई में अधिकतम ग्रहण के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य ग्रहण का प्रतिशत क्रमशः करीब 44% व 24% होगा। यहां ग्रहण की अवधि क्रमश: 1 घंटे 13 मिनट और 1 घंटे 19 मिनट होगी। चेन्नई और कोलकाता में ग्रहण की अवधि क्रमश: 31 मिनट और 12 मिनट की होगी।

ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी हिस्सों, पश्चिमी एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर और उत्तर हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा।

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भारत में अगला सूर्य ग्रहण करीब 5 साल बाद यानी 2 अगस्त 2027 में नजर आएगा। वह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। देश के सभी हिस्सों से वह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में नजर आएगा।

Solar Eclipse:  वहीं अगला ग्रहण जो भारत से दिखाई देगा, वह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। यह 8 नवंबर, 2022 यानी मंगलवार को होगा। यह चंद्रोदय के समय भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा।

Solar Eclipse:  अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। वे तीनों एक सीध में स्थित हो जाते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है, जब चन्द्र चक्रिका का सूर्य चक्रिका की आंशिक रूप से ही ढक पाती है।

Solar Eclipse:  सूर्य ग्रहण को थोड़ी देर के लिए भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। चंद्रमा सूर्य के अधिकतम हिस्सों को ढक दे, तब भी इसे खाली आंखों से न देखें, क्योंकि यह आंखों को स्थाई नुकसान पहुंचा सकता है। इससे अंधापन हो सकता है।

Solar Eclipse:  सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सही तकनीक है एल्युमिनी माइसर, काले पॉलिमर 14 नंबर शेड के लाईदार कांच का उपयोग कर और टेलीस्कोप के माध्यम से सफेद पटल पर सूर्य की छाया को देख सकते हैं।

Solar Eclipse:  सूर्य ग्रहण को कोरी आंखों यानी बिना चश्मा से देखने की गलती बिल्कुल नहीं करें। इससे आपकी आंखों का रेटिना डैमेज हो सकता है। जिससे धीरे-धीरे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती हैं। ग्रहण को देखने के एक्स-रे फिल्म का उपयोग नहीं करें, किसी चश्मे से भी नहीं देखें, सीधे सूर्य को देखने की कोशिश नहीं करें। ये आंखों के लिए घातक हो सकता है।

Solar Eclipse:  सूर्यग्रहण की आंशिक या वलयाकार स्थिति को कोरी आंखों से देखने का प्रयास नहीं करें। टेलीस्कोप या बाइनोक्यूलर से सूर्य को कभी न देखें। किसी भी ऐसे फिल्टर का इस्तेमाल न करें, जो सूर्य की दृश्य तीव्रता को कम कर देता है।

करने के लिए एक छोटे टेलीस्कोप या बाइनोक्यूलर का प्रयोग किया जा सकता है।

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