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Tej Pratap: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीट का ऐलान कर दिया है। उन्होंने वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की।
तेज प्रताप ने कहा, “महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैं ही लडूंगा। मैंने यहां सड़कों का निर्माण कराया है, अस्पताल बनवाए हैं और क्षेत्र का विकास किया है। अगर मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा, तो कौन लड़ेगा?”
हाजीपुर में किया ऐलान
रविवार को तेज प्रताप हाजीपुर के जोहरी बाजार में एक अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए। तेज प्रताप पहले भी महुआ सीट से चुनाव जीत चुके हैं। साल 2015 में इसी सीट से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और जीत हासिल करने के बाद नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री बने थे।
2020 में छोड़ी थी महुआ सीट
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में तेज प्रताप ने यह सीट राजद उम्मीदवार मुकेश रोशन के लिए खाली कर दी थी और खुद हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। वर्तमान में वे हसनपुर के विधायक हैं। 2022 में जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई, तब तेज प्रताप को वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया गया।
महुआ से है विशेष लगाव
तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा क्षेत्र को लेकर हमेशा सक्रिय रहे हैं। उन्होंने यहां कई विकास कार्यों का दावा किया है। इस बार उन्होंने महुआ सीट पर अपनी दावेदारी ठोंकते हुए कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए उनकी भूमिका अहम रही है।
व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा
तेज प्रताप का जन्म 16 अप्रैल 1988 को हुआ। चुनाव हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है। उनकी शादी पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती और पूर्व विधायक चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से हुई थी। हालांकि, पारिवारिक विवाद के चलते दोनों अलग हो गए। तेज प्रताप अपने माता-पिता लालू यादव और राबड़ी देवी से बेहद लगाव रखते हैं।
भक्तिपूर्ण स्वभाव और खास पहचान
तेज प्रताप अपने धार्मिक और भक्तिपूर्ण स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। वे अक्सर विशेष वेशभूषा में देखे जाते हैं, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग पहचान दिलाती है।
महुआ विधानसभा सीट पर तेज प्रताप की दावेदारी और उनके चुनावी रुख ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। 2025 के चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप अपने पुराने किले को फिर से फतह कर पाते हैं या नहीं।