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बिहार में SIR बवाल के बीच Tejashwi Yadav को मिली Z श्रेणी की सुरक्षा
बिहार में छह प्रमुख नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब राज्य आगामी चुनावों की तैयारी कर रहा है। तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) उन लोगों में शामिल हैं जिनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है। उन पर कई कथित हत्या के प्रयास हुए हैं। उनके आवास के बाहर गोलीबारी की भी खबरें आई थीं। इन घटनाओं के बावजूद, उन्हें Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इससे सवाल उठ रहे हैं। कई लोग पूछ रहे हैं कि उनकी सुरक्षा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के बराबर क्यों नहीं है। इस लेख में उन नेताओं की सूची पर चर्चा की जाएगी जिनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है। साथ ही, तेजस्वी यादव की सुरक्षा को लेकर उठे विवाद पर भी चर्चा होगी।
बिहार के नेता जिनकी सुरक्षा बढ़ाई गई: यह सूची किसकी है?
बिहार में हाल ही में सुरक्षा बढ़ाए जाने से कुछ प्रमुख राजनीतिक हस्तियां चर्चा में आ गई हैं। इन नेताओं की सुरक्षा बढ़ाने के राज्य सरकार के फैसले ने सार्वजनिक चर्चा को जन्म दे दिया है। यह खासकर चुनावी मौसम को देखते हुए सच है।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की सुरक्षा व्यवस्था
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सर्वोच्च सुरक्षा मिली है। उन्हें Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इसमें AGL (एडवांस सिक्योरिटी लाइजन) सुरक्षा भी शामिल है। यह बढ़ी हुई सुरक्षा कथित तौर पर एक विशिष्ट खतरे के कारण दी गई है। चौधरी के एक समर्थक को कथित तौर पर धमकियाँ मिली थीं। इसके चलते सरकार ने उन्हें उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया।
Tejashwi Yadav को बिहार में SIR बवाल के बीच मिली Z श्रेणी की सुरक्षा
तेजस्वी यादव को Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। यह कई घटनाओं के बाद आया है जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएँ पैदा हुई हैं। उनके काफिले से कई वाहन टकरा चुके हैं। उनकी माँ राबड़ी देवी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनकी जान को खतरा है। इन गंभीर चिंताओं के बावजूद, उनकी सुरक्षा व्यवस्था Z+ स्तर की नहीं है। इस विसंगति के कारण व्यापक सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि उनकी सुरक्षा उनके खिलाफ कथित खतरों के अनुरूप होनी चाहिए।
सुरक्षा में वृद्धि पाने वाले अन्य प्रमुख नेता
उपमुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव के अलावा, अन्य नेताओं की भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। ये अपग्रेड ख़ुफ़िया एजेंसियों द्वारा ख़तरे के आकलन पर आधारित हैं।
- पप्पू यादव, उर्फ़ राजेश रंजन, सांसद को Y+ सुरक्षा दी गई है।
- अररिया से सांसद प्रदीप कुमार सिंह को भी Y+ सुरक्षा मिली है।
- बाढ़ से विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को Y+ सुरक्षा प्रदान की गई है।
- जेडीयू एमएलसी और मुख्य सचेतक नीरज कुमार को Y श्रेणी की सुरक्षा आवंटित की गई है।
- ये आवंटन विभिन्न राजनीतिक हस्तियों के ख़िलाफ़ कथित ख़तरों के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं।
बिहार के सुरक्षा वर्गीकरण को समझना: इन लेबलों का क्या अर्थ है?
भारत में विभिन्न सुरक्षा श्रेणियाँ सुपरिभाषित हैं। ये कर्मियों की संख्या और प्रदान की जाने वाली सुरक्षा के प्रकार को निर्धारित करती हैं। ये श्रेणियाँ ख़तरे के आकलन के आधार पर निर्धारित की जाती हैं।
Z+ श्रेणी सुरक्षा
Z+ सुरक्षा भारत में व्यक्तियों को दी जाने वाली सुरक्षा का उच्चतम स्तर है। इसमें आमतौर पर लगभग 55 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इस विशिष्ट टीम में अक्सर एनएसजी कमांडो, पुलिसकर्मी, पायलट और एस्कॉर्ट वाहन शामिल होते हैं। सुरक्षा का यह स्तर आमतौर पर अत्यधिक खतरों का सामना करने वाले या उच्च-स्तरीय पदों पर आसीन व्यक्तियों के लिए आरक्षित होता है। यह सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की हर समय व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
Z श्रेणी सुरक्षा: एक गहन नज़र
तेजस्वी यादव को Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। इस सुरक्षा स्तर में लगभग 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। ये सुरक्षाकर्मी आमतौर पर सशस्त्र कमांडो और स्थानीय पुलिस अधिकारी होते हैं। हालाँकि यह पर्याप्त है, फिर भी यह Z+ श्रेणी से एक कदम नीचे है। यह व्यक्ति के आसपास एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपस्थिति सुनिश्चित करता है।
Y+ और Y श्रेणी सुरक्षा: मानक प्रावधान
Y+ सुरक्षा में लगभग 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इसमें निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) और एस्कॉर्ट टीमें शामिल हैं। Y श्रेणी की सुरक्षा लगभग आठ सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रदान की जाती है। ये सुरक्षाकर्मी 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करते हैं। भारत में कई निर्वाचित अधिकारियों और सार्वजनिक हस्तियों के लिए Y+ और Y दोनों श्रेणियां सामान्य हैं। ये दैनिक गतिविधियों के लिए एक अच्छा स्तर की सुरक्षा प्रदान करते हैं।
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