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Tejaswi ने जमाई आयोग बनाने का दिया सुझाव, दामादवाद से बेटियों तक पहुंचा राजनीति मुद्दा
Tejaswi का जमाई आयोग बनाने का सुझाव
बिहार की राजनीति में परिवारवाद, दामादवाद और भाई-भतीजावाद का मुद्दा अब बेटियों तक पहुंच गया है। आयोग के गठन में नेताओं के करीबी लोगों को जगह दिए जाने पर तेजस्वी (Tejaswi) यादव ने ‘जमाई आयोग’ बनाने का सुझाव दिया। इस पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी को अपने पिता के कार्यकाल को देखना चाहिए, और सवाल करना चाहिए कि उस समय ‘मामा आयोग’ क्यों नहीं बना। उन्होंने बताया कि जिन तीन व्यक्तियों पर प्रश्न उठाए गए हैं, तीनों दलित परिवारों से हैं। इससे पता चलता है कि राजद के लोगों में दलित प्रेम कितना है।
अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव रामविलास पासवान के दामाद पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि वह तब से राजनीति में हैं, जब वे हाफ पैंट में घूमा करते थे। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के प्रति सम्मान दिखाया है। पार्टी का मुखिया अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान करता है। इसमें क्या नया है? तेजस्वी को यह भी पता होना चाहिए कि लालू प्रसाद यादव अपने लोगों को कितना महत्व देते थे।
बहस करनी है तो विकास पर करनी चाहिए
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मेरे दामाद (सायण कुणाल) पर सवाल करने से पहले तेजस्वी को पता होना चाहिए कि वह दो साल से मेरे दामाद हैं। मुझे उनकी जिम्मेदारी देने के लिए नीतीश कुमार से कोई सिफारिश नहीं की थी, न ही जदयू का कोटा था। अगर उन्हें कोई जिम्मेदारी मिली है तो वह आरएसएस के कोटे से है।
उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव के कार्यकाल में क्या हाल था? उस वक्त ‘मामा आयोग’ क्यों नहीं बनाया गया? जब नीतीश कुमार पर कोई खास बात नहीं बनती, तो वे कोई बहाना ढूंढ लेते हैं। अगर बहस करनी है तो विकास पर करनी चाहिए। लालू यादव के शासन में विकास दर 2.3 प्रतिशत थी। अपराधियों को संरक्षण मिला। हाईकोर्ट ने कहा था कि जंगलराज था, किसी राजद पर आरोप नहीं थे।
बिहार में परिवारवाद का मुद्दा अब बेटियों तक पहुंच गया है। तेजस्वी यादव ने संजय झा की बेटियों, अद्या और सत्या झा को सुप्रीम कोर्ट में ग्रुप-ए वकील की नियुक्ति पर सवाल उठाए। इस पर अशोक चौधरी ने जवाब दिया कि क्या वह पढ़कर आई हैं? दोनों हार्वर्ड से एलएलएम कर चुकी हैं। किसी का बच्चा अगर मेहनत से काम करे और पिता उसे समर्थन दें तो इसमें गलत क्या है?
सीएम नीतीश कुमार के प्रधान सचिव और पूर्व आईएएस दीपक कुमार की पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को बिहार महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है। तेजस्वी ने कहा कि उसने फॉर्म में पति का नाम नहीं, बल्कि पिता का नाम लिखा है। जेडीयू के अशोक चौधरी ने इसका जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि दीपक कुमार की पत्नी डबल एमए और पीएचडी हैं। वह इग्नू में काम कर चुकी हैं और दो-दो कंपनियों में काम किया है। क्या इन्हें घर से उठाकर बनाया गया है? इस बातचीत के दौरान अशोक चौधरी काफी नाराज दिखे।
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