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Rahul Gandhi को गोली मारने की धमकी: BJP प्रवक्ता पर कांग्रेस का एक्शन और FIR की मांग

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भारतीय राजनीति में हिंसा की बातें अब आम हो गई हैं। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि एक टीवी डिबेट में किसी विपक्षी नेता को सीधे गोली मारने की धमकी दी जाए? महाराष्ट्र में कांग्रेस ने ऐसे ही एक बयान के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। यह घटना न सिर्फ चिंताजनक है, बल्कि लोकतंत्र के लिए खतरा भी पैदा करती है।

राजनीति में हिंसा की भाषा का उदय

27 सितंबर को एक टीवी चैनल पर डिबेट चल रही थी। वहां भाजपा प्रवक्ता पिंटू महादेव ने राहुल गांधी के खिलाफ खुली धमकी दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सीने में गोली मार दी जाएगी। यह बयान पूरे देश ने देखा।

ऐसी धमकी से सवाल उठता है कि राजनीतिक बहस कैसे हिंसा की ओर मुड़ गई। पिंटू महादेव का यह बयान डिबेट के दौरान आया, जब तीखी चर्चा हो रही थी। कांग्रेस ने इसे गंभीर अपराध माना।

कांग्रेस पार्टी की तत्काल प्रतिक्रिया और Rahul Gandhi को गोली मारने की धमकी

चंद्रपुर जिले की शहर कांग्रेस कमेटी ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने मल्हारपुर पुलिस स्टेशन को ज्ञापन सौंपा। इसमें भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

यह कदम दिखाता है कि कांग्रेस ऐसी धमकियों को बर्दाश्त नहीं करेगी। ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि पिंटू महादेव की बात राहुल गांधी की जान को खतरे में डालती है। पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया।

कांग्रेस का यह प्रयास राजनीतिक हिंसा को रोकने का संदेश देता है। वे चाहते हैं कि कानून सबके लिए बराबर हो।

भाजपा प्रवक्ता द्वारा दी गई धमकी का पूरा घटनाक्रम
डिबेट शो में दिया गया बयान और उसका संदर्भ

टीवी डिबेट में प्रिंटो महादेव ने राहुल गांधी को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के सीने में गोली मार दी जाएगी।” यह बयान 27 सितंबर को एक न्यूज चैनल पर आया। डिबेट के दौरान भाजपा और कांग्रेस के मुद्दों पर बहस हो रही थी।

प्रिंटो महादेव भाजपा के प्रवक्ता हैं। उनका यह बयान राष्ट्रीय स्तर पर वायरल हो गया। चैनल पर लाखों लोग इसे देख रहे थे।

ऐसे बयान राजनीतिक चर्चा को गलत दिशा देते हैं। प्रिंटो महादेव ने इसे मजाक में कहा हो या नहीं, लेकिन प्रभाव गंभीर है।

खतरे की गंभीरता: लोकतंत्र की लड़ाई बनाम जानलेवा धमकियाँ

कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ रहे हैं। इससे भाजपा को परेशानी हो रही है। यही वजह है कि ऐसी धमकी दी गई। यह राजनीतिक हत्या की कोशिश लगती है।

राहुल गांधी विपक्ष के बड़े नेता हैं। उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ है। धमकी से साफ है कि कुछ लोग शांतिपूर्ण बहस से डरते हैं।

क्या लोकतंत्र में ऐसी धमकियां बर्दाश्त होंगी? यह सवाल हर नागरिक के मन में है। कांग्रेस ने इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाया।

राजनीतिक हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति पर टिप्पणी

भारतीय राजनीति में हिंसा की भाषा तेज हो रही है। टीवी डिबेट्स में गाली-गलौज आम है। लेकिन गोली मारने जैसी धमकी नया स्तर है। इससे तनाव बढ़ता है।

ऐसी घटनाएं देश भर में फैल सकती हैं। विपक्षी नेताओं पर खतरा बढ़ जाता है। जनता को लगता है कि राजनीति सुरक्षित नहीं रही।

हम सबको सोचना चाहिए कि यह कब रुकेगा। शांत बहस ही समाधान है।

महाराष्ट्र कांग्रेस की कानूनी कार्रवाई: FIR दर्ज करने की मांग
चंद्रपुर कांग्रेस कमेटी द्वारा पुलिस को सौंपा गया ज्ञापन

चंद्रपुर शहर कांग्रेस कमेटी ने मल्हारपुर पुलिस को ज्ञापन दिया। इसमें प्रिंटो महादेव के बयान का पूरा विवरण है। उन्होंने कहा कि यह धमकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

ज्ञापन में मांग की गई कि आरोपी के खिलाफ तुरंत FIR हो। साथ ही कड़ी कानूनी कार्रवाई हो। कांग्रेस ने वीडियो सबूत भी दिए।

यह कदम महाराष्ट्र कांग्रेस की ताकत दिखाता है। वे स्थानीय स्तर पर सक्रिय हैं।

कानूनी कार्रवाई की मांग: IPC धाराओं और शिकायत का आधार

कांग्रेस ने IPC की धाराओं का हवाला दिया। धारा 506 के तहत आपराधिक धमकी का मामला बनता है। प्रिंटो महादेव का बयान इसी में आता है।

शिकायत में कहा गया कि बयान सार्वजनिक था। इससे राहुल गांधी को डर लगा। पुलिस को सबूत जांचने को कहा गया।

मुख्य मांगें:
– FIR दर्ज करें।
– आरोपी को गिरफ्तार करें।
– जांच तेज करें।

ऐसी कार्रवाई से कानून का डर बनेगा।

आरोपी प्रवक्ता के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की आवश्यकता

कांग्रेस का मानना है कि पुलिस को तुरंत काम करना चाहिए। देरी से आरोपी बच सकता है। कठोर सजा जरूरी है ताकि उदाहरण बने।

प्रिंटो महादेव जैसे लोग राजनीति को खराब करते हैं। भाजपा को भी अपने प्रवक्ताओं पर नजर रखनी चाहिए।

त्वरित एक्शन से विश्वास बढ़ेगा। जनता देखेगी कि न्याय होता है।

राहुल गांधी की सुरक्षा बहाली की मांग: राष्ट्रीय सुरक्षा का पहलू
Z+ सुरक्षा हटाए जाने का राजनीतिक विवाद

राहुल गांधी की Z+ सुरक्षा पहले हटा दी गई थी। यह फैसला विवादास्पद रहा। विपक्ष ने कहा कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। अब धमकी के बाद सवाल फिर उठे।

सुरक्षा हटाने से खतरा बढ़ गया। राहुल गांधी जैसे नेता को खतरा रहता है। केंद्र सरकार पर दबाव है।

यह विवाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है।

जानलेवा धमकी के आलोक में तत्काल सुरक्षा बहाली की अपील

ज्ञापन में राहुल गांधी की SPG सुरक्षा बहाल करने की मांग है। धमकी के बाद यह जरूरी है। तत्काल कदम उठाएं, कांग्रेस ने कहा।

SPG पूर्ण सुरक्षा देती है। बिना इसके नेता असुरक्षित रहते हैं। यह मांग न्यायसंगत है।

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