Sen your news articles to publish at [email protected]
Jagdeep Dhankhar पर RTI से हुए दो खुलासे! इस्तीफे पर राष्ट्रपति सचिवालय दो अलग-अलग जवाब क्यों दे रहा?
क्या जगदीप धनकड़ (Jagdeep Dhankhar) के मामले में अब राष्ट्रपति भवन भी पलटी मार रहा है? यह सवाल बहुत बड़ा है क्योंकि धनकड़ के इस्तीफे को लेकर RTI (आरटीआई) दाखिल की गई और दो जवाब आए। राष्ट्रपति सचिवालय ने ही बहुत बड़ा कंफ्यूजन क्रिएट कर दिया क्योंकि दोनों जवाब बिल्कुल अलग-थलग हैं।
Jagdeep Dhankhar पर RTI से दो खुलासे हुए
दरअसल इस मुद्दे को लेकर RTI (आरटीआई) कार्यकर्ता अजय वासुदेव बोस ने जानकारियां मांगी थी। कहा था कि राष्ट्रपति भवन में क्या मुलाकात हुई थी धनकड़ की या नहीं हुई ऐसे उनके सवाल थे और इस एक आरटीआई के दो अलग-अलग जवाब आते हैं। यानी कि उन्होंने एक ही सवाल को लेकर दो आरटीआई दाखिल की थी और लेकिन जवाब दोनों के बिल्कुल अलग-अलग आते हैं।
जगदीश धनकड़ का इस्तीफा रहस्य
इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार केपी मलिक एक पोस्ट करते हैं। वो लिखते हैं धनखड़ के मामले में राष्ट्रपति भवन की पलटी। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीश धनकड़ का इस्तीफा रहस्य बनता जा रहा है। इस मुद्दे पर आरटीआई कार्यकर्ता अजय वासुदेव बोस द्वारा मांगी गई जानकारी के राष्ट्रपति भवन से आरटीआई के दो अलग-अलग जवाब आए हैं। पहला जवाब 20 अगस्त को आया जिसमें कहा गया कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के इस्तीफा देने आने की राष्ट्रपति भवन को कोई जानकारी नहीं है। दूसरी आरटीआई जिसका 4 सितंबर को जवाब आया है।
राष्ट्रपति भवन भी पलटी मार रहा
जिसमें बताया गया है कि महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू से तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ की मुलाकात हुई है। तो क्या माना जाए कि राष्ट्रपति भवन भी अब पलटी मार रहा है। क्योंकि हैरानी की बात यह है कि सवाल एक है और जवाब दो। तो इसका मतलब है कि कोई एक जवाब तो झूठ है। फिर कौन सा झूठ है और कौन सा सच इसका फैसला कौन करेगा? तो क्या राष्ट्रपति भवन को भी झूठ बोलना पड़ता है? अगर हां तो क्यों? कारण क्या है?
आखिर 21 जुलाई को क्या हुआ
जगदीप धनकड़ के इस्तीफे को लेकर एक जवाब पहले आता है। फिर दूसरी आरटीआई जिसमें सेम सवाल थे उसका जवाब अलग आता है। यानी कि राष्ट्रपति सचिवालय अपनी बात से पलटता हुआ नजर आ रहा है। और इसलिए सवाल यह उठ रहा है कि आखिर 21 जुलाई को हुआ क्या था? 21 जुलाई को ऐसा क्या हुआ था जिसको लेकर राष्ट्रपति भवन खुद कंफ्यूज है। जिसको लेकर राष्ट्रपति सचिवालय खुद कंफ्यूज है।
इस्तीफे के बाद रहस्यमय चुप्पी
राष्ट्रपति सचिवालय कितना बताना चाहता है? कितना छुपाना चाहता है? यह अपने आप में रहस्य का विषय बनता जा रहा है। जगदीप धनकड़ उपराष्ट्रपति का आधिकारिक आवास खाली करके फार्म हाउस चले गए हैं। लेकिन यह मसला जगदीप धनकड़ का मोदी सरकार का राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का नहीं है।
यह मसला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे राष्ट्रपति महोदय का है और संवैधानिक पद के मामले में दूसरे नंबर के पद पर उस वक्त बैठे उपराष्ट्रपति का है। इस्तीफा देने के तौर तरीके इस्तीफे के बाद रहस्यमय चुप्पी। इस्तीफे के बाद किस तरह से एकदम से उनका गायब हो जाना, स्वास्थ्य के आधार पर इस्तीफा देने के बावजूद अस्पताल में कहीं भर्ती ना होना, किसी मेडिकल बुलेटिन का ना आना और इस्तीफा देने को लेकर क्या उनकी मुलाकात राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से हुई थी?
आरटीआई का जवाब
इन संशयों का गहराना अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। पहले आरटीआई का जवाब आया था 20 अगस्त को जिसमें कहा गया था कि मुलाकात की कोई जानकारी नहीं है और दूसरे आरटीआई का जवाब अब आया है। यानी कि 20 अगस्त को पता नहीं था कि 21 जुलाई को क्या हुआ है और 4 सितंबर को पता लग जाता है। तो या तो पहले जो जवाब दिया गया वो झूठा था या फिर अब का जवाब झूठा है।
शंका पैदा करने वाली बात
दोनों में से कोई एक जवाब तो झूठ है और जब आप झूठ बोलते हैं जब आप सच को छुपाने की कोशिश करते हैं तो यहीं से कई तरह की शंकाएं पैदा हो जाती हैं। एक तरफ जगदीप धनखड़ बंगला खाली कर देते हैं तब भी उनकी कोई तस्वीर नहीं आती। स्वास्थ्य की समस्या पर भी ना कोई उनसे मिलने जाता है ना वह कहीं जाते हैं। यहां तक कि जयपुर में बन रहे उनके कॉम्प्लेक्स को भी देखने उनकी पत्नी अकेले जाती है बिना किसी लाव लश्कर के। आखिर ऐसा क्यों है?
पूरी तरह से घर में बंद हो जाने की जरूरत क्यों है? यह जवाब हर कोई जानना चाहता है। साथ ही यह भी कि आखिर 21 जुलाई को हुआ क्या था? क्या वह खुद राष्ट्रपति से मिले थे? क्या वह नहीं मिले थे? सचिवालय की तरफ से ऐसा कंफ्यूजन भरे जवाब क्यों आ रहे हैं? यह सवाल काफी गहरा है जिसके जवाब का इंतजार सभी को है।
यह भी देखें – Punjab में आये बाढ़ पर “गोदी मीडिया” ब्लैकआउट