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UNGA: यूक्रेन युद्ध पर प्रस्ताव पारित, रूस से दुश्मनी खत्म करने का आह्वान

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रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति को लेकर United Nations General Assembly के 141 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि 7 ने इसका विरोध किया। वहीं, चीन और भारत सहित 32 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे।

United Nations General Assembly (UNGA) के 141 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया,, जबकि सात ने इसका विरोध किया। वहीं, चीन और भारत सहित 32 सदस्य मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। यूएनजीए ने एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव रूस से शत्रुता समाप्त करने और यूक्रेन से सैनिकों की वापसी का आह्वान करता है।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप यूक्रेन में जल्द से जल्द व्यापक, न्याय संगत और स्थायी शांति हासिल करने की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले एक प्रस्ताव पर यूएनजीए में मतदान के दौरान भारत अनुपस्थित रहा। 193-सदस्यीय महासभा ने यूक्रेन और उसके समर्थकों द्वारा प्रस्तावित मसौदा प्रस्ताव को अपनाया, जिसका शीर्षक था ‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांत के अंतर्गत यूक्रेन में व्यापक,  न्याय संगत और स्थायी शांति का आधार’।

 

प्रस्ताव में सदस्य राज्यों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को चार्टर के अनुरूप यूक्रेन में व्यापक,  न्याय संगत और स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए राजनयिक प्रयासों के समर्थन को दोगुना करने का आह्वान किया गया। यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो इसके समुद्री सीमा तक फैली हुई है। साथ ही अपनी मांग को दोहराया कि रूस जल्द से जल्द पूरी तरह से और बिना शर्त के अपने सभी सैन्य बलों को यूक्रेन के क्षेत्र से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर वापस ले और शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान करे।

 

बता दें कि रूस द्वारा 24 फरवरी, 2022 को यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से संयुक्त राष्ट्र के महासभा, सुरक्षा परिषद और मानवाधिकार परिषद में लाए गए कई प्रस्तावों में आक्रमण की निंदा की गई है और यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया है।

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वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहाकि भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है। संघर्ष के कारण अनगिनत लोगों की जान चली गई और लाखों लोग बेघर हो गए। नागरिक बुनियादी ढांचे पर हमले गंभीर रूप से चिंता के कारण हैं। आज UNGA यूक्रेनी संघर्ष के एक वर्ष के रूप में चिह्नित है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि हम खुद से कुछ प्रासंगिक प्रश्न पूछें कि क्या हम दोनों पक्षों को स्वीकार्य संभावित समाधान के करीब हैं,  क्या कोई भी प्रक्रिया जिसमें दोनों पक्षों में से कोई भी शामिल नहीं है,  कभी भी एक विश्वसनीय समाधान की ओर ले जा सकती है?

 

भारत यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों से दूर रहा है और लगातार संयुक्त राष्ट्र चार्टर,  अंतरराष्ट्रीय कानून और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की आवश्यकता को रेखांकित करता रहा है। नई दिल्ली ने यह भी आग्रह किया है कि शत्रुता को तत्काल समाप्त करने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर तत्काल वापसी के लिए सभी प्रयास किए जाएं।

यूएनजीए के प्रस्ताव में यूक्रेन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमला और घरों, स्कूलों और अस्पतालों सहित सार्वजनिक प्रतिष्ठानों पर जानबूझकर किए गए हमलों को तत्काल बंद करने का आह्वान किया गया। प्रस्ताव में सभी सदस्य देशों से खाद्य सुरक्षा,  ऊर्जा,  वित्त,  पर्यावरण और परमाणु सुरक्षा और सुरक्षा पर युद्ध के वैश्विक प्रभावों को दूर करने के लिए एकजुटता की भावना से सहयोग करने का आग्रह किया गया। साथ ही रेखांकित किया गया कि यूक्रेन में व्यापक  न्याय संगत और स्थायी शांति की व्यवस्था होनी चाहिए। इन कारकों को ध्यान में रखा जाए।

 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र में कहाकि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण हमारी सामूहिक अंतरात्मा का अपमान है। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांत और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहाकि इससे पीछे हटने का यह उचित समय है। एक कड़े संदेश में गुटेरेस ने कहाकि युद्ध क्षेत्रीय अस्थिरता को हवा दे रहा है और वैश्विक तनाव और विभाजन को बढ़ावा दे रहा है। युद्ध की वजह से अन्य संकटों की तरफ से ध्यान हट रहा है और संसाधनों की कमी हो रही है और वैश्विक मुद्दों को दबाया जा रहा है।

 

उन्होंने कहाकि इस बीच हमने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की निहित धमकियों के बारे में भी सुना है। परमाणु हथियारों का तथाकथित रणनीतिक इस्तेमाल पूरी तरह से अस्वीकार्य है। यह युद्ध से पीछे हटने का सही समय है।

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