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PM Modi के लिए Bihar दौरा इतना खास क्यों? अबतक 50 दौरा कर चुके
PM Modi ने बिहार में अपना कार्यकाल शुरू होने से लेकर अभी तक 50 दौरों का सिलसिला पूरा किया है। फिर से वह बिहार आ रहे हैं, लगभग एक और बड़े दौरे का ऐलान हुआ है। 20 जून को उनका पड़ाव सिवान में है, जहां वह एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही बिहार को 7170 करोड़ की सौगात भी देंगे। पचरुखी के कार्यक्रम में पीएम मोदी बिहार के 22 शहरों में बनाए गए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन और नए प्रोजेक्ट का शिलान्यास करेंगे।
क्यों इतना खास है PM Modi का Bihar दौरा
बिहार में अभी विधानसभा चुनाव करीब है। सभी पार्टियां पूरी ताकत के साथ तैयारी में लगी हैं। भाजपा और खासकर पीएम मोदी ने अपने दौरे तेजी से बढ़ाए हैं। इसका सबूत मधुबनी में हुए पहलगाम हमले के बदले का ऐलान भी वहीं से किया गया। यह उनका तीसरा दौरा है इस साल बिहार में। सवाल उठता है कि बिहार पीएम मोदी के लिए इतना क्यों खास हो गया है?
पहला कारण है अगले साल होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का। जब तक दिवंगत सुशील कुमार मोदी जीवित थे, बिहार का चुनाव प्रबंधन उनके हाथ में था। चाहे केंद्रीय मंत्री नीतीश के साथ अलायंस अच्छा हो या खराब, सुशील मोदी का नीतीश से रिश्ता मजबूत रहा। माना जाता है कि सुशील मोदी के बाद बिहार बीजेपी में ऐसा कोई नेता नहीं है जो नीतीश को अच्छे से संभाल सके। ऐसे में, नीतीश को साथ में बनाए रखने के लिए केवल पीएम मोदी ही कारगर हो सकते हैं।
PM Modi ने Bihar चुनाव का मोर्चा अपने हाथों में लिया
बिहार का चुनाव अभी तक BJP के लिए आसान नहीं रहा है। वह 240 में से 32 सीटें आईपीके की तुलना में पीछे हैं। मंडल में उन्होंने JDU की 12 सीटें भी झेली हैं। नीतीश ने उस वक़्त बीजेपी का साथ दिया। अब बीजेपी चाहती है कि बिहार के चुनाव में वह लोकसभा में हारी सीटें भी पूरी कर ले। वह चाहती है कि किसी भी हाल में NDA के किसी भी दल को कम सीटों का सामना न करना पड़े। इसीलिए पीएम मोदी ने बिहार का मोर्चा अपने हाथ में लिया है।
2020 के बिहार चुनाव में चिराग पासवान ने नीतीश को करीब 30 सीटों का नुकसान पहुंचाया था। दो साल बाद ही नीतीश ने कदम पीछे खींचते हुए महागठबंधन का साथ चुना। लेकिन इस बार स्थिति अलग है। चिराग अब नीतीश की अक्सर तारीफ कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह पीएम मोदी की ही रणनीति का हिस्सा है।
दिल्ली का रास्ता यूपी-बिहार से
सभी को पता है कि NDA में एक का नुकसान सबका नुकसान बन सकता है। इसीलिए मोदी बार बार बिहार आकर सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस बार कोई भी मिलकर न पाए।
बिहार इस बार पीएम मोदी के लिए लोकसभा की जैसे लड़ाई है। यह कोई आश्चर्य नहीं कि लोग कहते हैं, ‘दिल्ली का रास्ता यूपी-बिहार से ही जाता है।’ इस बार बिहार का महत्व बहुत बड़ा है। उसकी वजह से ही मोदी बार-बार बिहार आते रहते हैं। हर बार वह यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि बिहार में उनका समर्थन मजबूत है।
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