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बीते साल ही पार्टी ज्वॉइन करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री YASHWANT SINHA ने टीएमसी छोड़ दी। सिन्हा विपक्ष के राष्ट्रपति के साझा उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर होने वाली विपक्ष की बैठक में प्रेसीडेंट कैंडीडेट का साझा उम्मीदवार तय किया जाएगा।
YASHWANT SINHA RESIGN : बीते साल ही पार्टी ज्वॉइन करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री YASHWANT SINHA ने टीएमसी छोड़ दी। सिन्हा विपक्ष के राष्ट्रपति के साझा उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर होने वाली विपक्ष की बैठक में प्रेसीडेंट कैंडीडेट का साझा उम्मीदवार तय किया जाएगा। इससे पहले शरद पवार, फारुक अब्दुल्ला, गोपालकृष्ण गाँधी और एचडी देवेगौड़ा ने संयुक्त उम्मीदवार बनने से मना कर दिया था।
I am grateful to Mamataji for the honour and prestige she bestowed on me in the TMC. Now a time has come when for a larger national cause I must step aside from the party to work for greater opposition unity. I am sure she approves of the step.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) June 21, 2022
अब ताजा घटनाक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने के लिए टीएमसी का दामन छोड़ दिया है। जैसा कि सुनने में आ रहा था कि काँग्रेस और वामपंथी पार्टियाँ इसके लिए दबाव बना रही थीं। अब सिन्हा के टीएमसी छोड़ने के बाद उनकी उम्मीदवारी की उम्मीद बढ़ गई है।
https://twitter.com/YashwantSinha/status/1539107126026584064
विपक्ष के राष्ट्रपति के संयुक्त उम्मीदवार के लिए राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के नई दिल्ली आवास पर बैठक होनी है। जिनमें विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार का ऐलान होगा। इसमें पूरी संभावना है कि यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लग जाएगी।
बता दें कि काँग्रेस और लेफ्ट पार्टियाँ इस बात के लिए दबाव बना रही थीं कि यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी से पहले उन्हें तृणमूल काँग्रेस को अलविदा कहना होगा।
उधर टीएमसी से रिज़ाइन करने के बाद यशवंत सिन्हा ने ट्वीट कर ममता बनर्जी का आभार जताया है। साथ ही ये लिखा है कि राष्ट्रीय हित में वो पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। उन्होंने लिखा कि ऐसा करके वो विपक्षी एकतै को मज़बूत करेंगे और देश के बड़े हित के लिए काम कर सकेंगे। सिन्हा ने लिखा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि ममता बनर्जी उनका इस्तीफा ज़रूर स्वीकार करेंगी।
बता दें कि चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 14 जून को जारी कर दी थी। इसके लिए 29 जून तक नामांकन किया जा सकता है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति के लिए मतदान होगा। 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति पदभार ग्रहण करेंगे।
गौर करें तो ममता बनर्जी ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के लिए विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 17 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया था। इसमें शरद पवार के लिए राष्ट्रपति उम्मीदवारी का प्रस्ताव आया था, जिसे पवार ने मना कर दिया था। उसके बाद विपक्षी उम्मीदवार के लिए फारुक अब्दुल्ला, एच डी देवेगौड़ा और गोपालकृष्ण गाँधी ने भी विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने से मना कर दिया था।
उधर बीजेपी भी राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए फाइनल स्टेज में पहुँच गई। इसके लिए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह बैठक कर अंतिम नाम पर मुहर लगाएंगे।