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ARVIND KEJRIWAL का छलका दर्द- बीवी से ज्यादा LG डांटते हैं
दिल्ली के CM का आरोप- सुपर बॉस के इशारे पर काम कर रहे उपराज्यपाल
ARVIND KEJRIWAL: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया- LG मुझे रोज जितना डांटते हैं, उतना मेरी पत्नी भी मुझे नहीं डांटती। पिछले 6 महीने में LG ने जितने लव लेटर मुझे लिखे, उतने पूरी जिंदगी में मेरी पत्नी ने भी नहीं लिखे।
ARVIND KEJRIWAL: अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा- LG साहेब, थोड़ा चिल करो और अपने सुपर बॉस को भी बोलो कि थोड़ा चिल करें। केजरीवाल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि LG केंद्र के इशारों पर काम कर रहे हैं और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के काम में अड़ंगा डाल रहे हैं।
ARVIND KEJRIWAL: कुछ दिन पहले LG वीके सक्सेना ने केजरीवाल को पत्र लिखा था। इसमें LG ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि गांधी जयंती के मौके पर केजरीवाल या उनकी सरकार का कोई भी मंत्री राजघाट या विजय घाट नहीं गया। LG ने इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया।
ARVIND KEJRIWAL: पत्र में लिखा कि इस तरीके के कार्यक्रमों का आयोजन दिल्ली सरकार की तरफ से किया जाता है। कार्यक्रम के अतिथियों को जो निमंत्रण-पत्र भेजा जाता है, वह दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम से जाता है। ऐसे में सीएम या किसी मंत्री का गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी की समाधि पर न जाना गलत है।
KEJRIWAL: दिल्ली की शराब नीति में घोटाले का आरोप लगाकर LG वीके सक्सेना ने इसकी CBI जांच की सिफारिश की थी। CBI ने डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर को खंगाला था। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज हुआ और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एकसाथ 6 राज्यों में 40 जगहों पर छापेमारी की।
KEJRIWAL: डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 1 अगस्त 2022 को ऐलान किया था कि पुरानी शराब नीति लागू होगी। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा- केंद्र ने इस पॉलिसी में CBI की एंट्री करा दी, जिससे कोई भी ठेका लेने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए हम नई व्यवस्था लागू नहीं करेंगे।
ARVIND KEJRIWAL: डिप्टी CM ने कहा था कि नई एक्साइज पॉलिसी से बीजेपी का भ्रष्टाचार खत्म हो जाता और साल में 9,500 करोड़ का राजस्व आता। वर्तमान में दिल्ली में 468 शराब दुकानें चल रही हैं। बीजेपी का मकसद है कि दिल्ली में अवैध शराब बिके।
इसी वजह से मुख्य सचिव ने आबकारी विभाग से जवाब भी मांगा था। जब 8 जुलाई को इस संबंध में उपराज्यपाल को फाइल भेजी गई, तब जाकर इस मामले पर बवाल मचना शुरू हुआ।