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Prime Minister Museum: नेहरू म्यूजियम बना इतिहास, कांग्रेस बोली- ये केंद्र की तानाशाही
Prime Minister Museum: केंद्र की मोदी सरकार ने नेहरू म्यूजियम का नाम बदल कर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी कर दिया। केंद्र के इस बदलाव को कांग्रेस ने तानाशाही करार दिया है।
Prime Minister Museum: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया। इसका नया नाम प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (PMMS) कर दिया। सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक मीटिंग में नाम बदलने का फैसला लिया।
Prime Minister Museum: 1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया।
Prime Minister Museum: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस फैसले पर कहा- जिनका अपना इतिहास नहीं है, वे दूसरों के इतिहास को मिटाने पर उतारू हैं। स्मारक का नाम बदलने का प्रयास आधुनिक भारत के निर्माता और लोकतंत्र के निर्भीक संरक्षक पंडित जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व को छोटा नहीं कर सकता। यह भाजपा-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये को ही दर्शाता है।
पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया। इससे पहले 2016 में पीएम मोदी ने परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार किया था। कांग्रेस के विरोध के बावजूद, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया। 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। तब भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।
21 अप्रैल, 2022 को PM मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इसमें देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई।
Prime Minister Museum: संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रेस रिलीज में बताया तीन मूर्ति भवन, जहां NMML स्थित है। यहां नेहरू सहित भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित करने वाला प्रधानमंत्री संग्रहालय भी है। पहले इस संग्राहालय का नाम नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी था, अब इसे बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया गया है।
एडविन लुटियंस के शाही राजधानी के हिस्से के रूप में 1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। 27 मई 1964 को नेहरू का निधन हो गया। पंडित नेहरू 16 साल तक यहां रहे थे।
1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया। पंडित नेहरू की 75वीं जयंती पर 14 नवंबर को इसे स्मारक बना दिया गया था।
नेहरू के निधन के बाद तत्कालीन सरकार ने फैसला किया कि तीन मूर्ति हाउस जवाहरलाल नेहरू को समर्पित किया जाना चाहिए। तब की सरकार ने इसमें एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव रखा।
14 नवंबर, 1964 को नेहरू की 75वीं जयंती पर तत्कालीन राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन ने तीन मूर्ति भवन राष्ट्र को समर्पित किया और नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया। इसके दो साल बाद, संस्था के प्रबंधन के लिए NMML सोसायटी की स्थापना की गई और तब से यही बनी हुई थी।
Prime Minister Museum: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इसके 29 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर शामिल हैं।