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TELANGANA TOPS CAESAREAN DELIVERIES: सिजेरियन बच्चा पैदा करने में तेलंगाना टॉप पर

सिजेरियन डिलीवरी का राष्ट्रीय औसत 22 फीसदी , वहीं तेलंगाना में 60 प्रतिशत

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TELANGANA TOPS CAESAREAN DELIVERIES: देश का सबसे नया राज्य तेलंगाना सिजेरियन पद्धति से बच्चा पैदा करने में टॉप पर है। हालात ये हैं कि सिजेरियन डिलीवरी का राष्ट्रीय औसत जहाँ 22 फीसदी है , वहीं तेलंगाना में ये 60 प्रतिशत है। ये आँकड़े नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे-2019-21 से सामने आए हैं।

TELANGANA TOPS CAESAREAN DELIVERIES: देश का सबसे नया राज्य तेलंगाना सिजेरियन पद्धति से बच्चा पैदा करने में टॉप पर है। हालात ये हैं कि सिजेरियन डिलीवरी का राष्ट्रीय औसत जहाँ 22 फीसदी है , वहीं तेलंगाना में ये 60 प्रतिशत है, देश में टॉप पर है। साथ ही राष्ट्रीय स्तर से लगभग तीन गुना अधिक है। ये आँकड़े नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे-2019-21 से सामने आए हैं।

गौर करें तो डेटा के मुताबिक तेलंगाना सरकार इसको लेकर कई प्रयास शुरू कर दिए हैं। जैसे खम्मान जिले में सी-सेक्शन डिलेवरी के मामले में 80 फीसदी से घटाकर 64 प्रतिशत तक लाया गया है।

तेलंगाना के आँकड़ों पर गौर करें तो राज्य के 33 जिलों में से 13 प्राइवेट हॉस्पिटल में 90 फीसदी बच्चों की पैदाइश नॉर्मल की बजाय सिजेरियन बच्चे पैदा हो रहे हैं। बाकी जिलों में सिजेरियन बच्चा पैदा करने का डेटा 40 से 80 फीसदी के बीच में है। ओवरऑल मिलाकर आठ साल के इस ने राज्य में 60 फीसदी बच्चे सिजेरियन पद्धित से हो रहे हैं। और 40 प्रतिशत डिलीवरी नॉर्मल हो रही है। जबकि पूरे देश में ये औसत 22 फीसदी है।

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नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे-2019-21 के मुताबिक तमिलनाडु में ये आँकड़ा 44.9 प्रतिशत है। आंध्र प्रदेश में सी सेक्शन के जरिए 44.2 फीसदी बच्चे पैदा हो रहे हैं।

TELANGANA TOPS CAESAREAN DELIVERIES- बता दें कि सिजेरियन या सी-सेक्शन ऑपरेशन की स्पीड बढ़ती जा रही है। डॉक्टर इसके पीछे डिलीवरीज के दौरान के कॉम्लीकेशन और अच्छे मुहूर्त को बड़ा कारण मान रहे हैं। इतना ही नहीं इसके पीछे प्राइवेट नर्सिंग होम वालों का बड़ा हाथ है। ये नर्सिंग होम नॉर्मल डिलीवरी की बजाय सिजेरियन डिलीवरी को बढ़ावा दे रहे हैं। ताकि ये ज्यादा से ज्यादा पैसे की उगाही कर सकें।

वहीं बहुत सी महिलाएं और उनके घर वाले प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा से बचने के लिए सी-सेक्शन ऑपरेशन के जरिए गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराना चाहते हैं।

हालाँकि सी-सेक्शन की वजह से महिलाओं को कई तरह की समस्याएँ भी हो जाती है।

इस तरह से देखा जाए तो महिलाएँ और घरवाले लेबर पेन से बचने, एक शुभ मुहुर्त में बच्चे को धरती पर लाने और नर्सिंग होम की धन-लोलुपता सिजेरियन सिस्टम से बच्चे पैदा करने को बढ़ावा दे रहे हैं। जबकि सिजेरियन ऑपरेशन से महिलाओं में परेशानी बढ़ जाती है। और उम्र बढ़ने के साथ ही उनमें कॉम्लीकेशन पैदा हो जाते हैं।

 

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